Class-11 General Hindi (सामान्य हिंदी ) half yearly exam model paper 2024-25 Download PDF || कक्षा- 11 सामान्य हिंदी अर्धवार्षिक परीक्षा मॉडल पेपर 2024-25 की पीडीऍफ़
UP Board Class 11 Samanya Hindi Half yearly exam model paper 2024-25 Download PDF यूपी बोर्ड कक्षा 11 सामान्य हिन्दी प्रश्न पत्र 2024-25 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25. Class 11 Samanya Hindi Question Paper 2024-25 Download PDF || SClass 11 Samanya Hindi Model Paper 2024-25 – UP Board Newly Updated Syllabus Question Paper 2024-25 session 2024-25 -UPMSP- Based on New pattern of Up Board.
Class | 11 | Topic | Half yearly exam model paper |
Board | UP Board (UPMSP) | Exam Year | 2025 |
State | Uttar Pradesh | यूपी बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट | UPMSP.EDU.IN |
Exam Session | 2024-25 | Download PDF | Click Here |
कक्षा 11 सामान्य हिन्दी प्रश्नपत्र यूपी बोर्ड परीक्षा 2024
समय | 3:15 hr. | पूर्णांक | 100 |
प्रक्टिकल | नहीं | पासिंग मार्क | 33.33% |
अर्धवार्षिक परीक्षा : 2024-25
सामान्य हिन्दी
कक्षा-11
समय: 3 घण्टे 15 मिनट । पूर्णांक : 100
निर्देश-प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिये निर्धारित हैं। |
नोट- (i) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(ii) सभी प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख निर्दिष्ट हैं।
खण्ड (क)
- (क) “भारत-भारती’ की रचना-विधा है- 1
(i) कहानी
(ii) उपन्यास
(iii) नाटक
(iv) काव्य।
(ख) भारतेन्दु युगीन गद्य की समय-सीमा क्या है? 1
(i) 1750 से 1850 ई० तक
(ii) 1850 से 1900 ई० तक
(iii) 1900 से 1920 ई० तक
(iv) 1920 से 1936 ई० तक।
(ग) ‘ध्रुवस्वामिनी’ की रचना विधा है- 1
(i) एकांकी
(ii) ध्रुवदेवी
(iii) नाटक
(iv) उपन्यास ।
(घ) निम्नलिखित में से नाटक है- 1
(i) त्रिशंक
(ii) आत्मनेपद
(iii) विपथगा
(iv) उत्तर प्रियदर्शी।
(ङ) हिन्दी काव्य का प्रथम मौलिक उपन्यास कौन-सा माना जाता है? 1
(i) चन्द्र कान्ता
(ii) परीक्षा गुरू
(iii) चरित्रहीन
(iv) गोदान।
- (क) ‘अमीर खुसरो’ कवि है- 1
(i) आदिकाल के
(ii) आधुनिक काल के
(iii) भक्तिकाल के
(iv) रीतिकाल के।
(ख) ज्ञानमार्गी शाखा के कवि है- 1
(i) तुलसीदास
(ii) सूरदास
(iii) कबीरदास
(iv) विहारी।
(ग) ‘साहित्य लहरी’ रचना है- 1
(i) कबीरदास
(ii) तुलसीदास की
(iii) सूरदास की
(iv) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की।
(घ) विद्यापति के पदों में कहीं-कहीं पुट है- 1
(i) श्रृंगार का
(ii) भक्ति का
(iii) नीति का
(iv) प्रशस्ति का।
(ङ) रीतिमुक्त काव्यधारा के कवि है- 1
(i) घनानन्द
(ii) सेनापति
(iii) बिहारी
(iv) वृन्द ।
3.दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 5×2=10
हाय अफसोस, तुम ऐसे हो गए कि अपने निज की काम की वस्तु भी नहीं बना सकते, भाइयों ! अब तो नींद से चौको। अपने देश की सब प्रकार से उन्नति जिसमें तुम्हारी भलाई हो वैसी ही किताय पढ़ो, वैसे ही खेल खेलो, वैसी ही बातचीत करो। परदेसी वस्तु और परदेसी भाषा का भरोसा मत रखो। अपने दशे में अपनी भाषा में उन्नति करो।
प्रश्न (क) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ एवं लेखक का नाम लिखिए।
(ख) प्रस्तुत गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) लेखक ने किस बात पर अफसोस प्रकट किया है?
(घ) लेखक ने अपने देशवासियों को किसकी उन्नति पर बल दिया है?
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने किसका भरोसा न करने को कहा है?
अथवा
आकाश में सूर्य के दिखायी देते ही नदियों ने विलक्षण ही रूप धारण किया, दोनों तटों या कगारों के बीच से बहते हुए जल पर सूर्य की लाल-लाल प्रातः कालीन धूप जो पड़ी तो, वह जल परिपक्व मदिरा के रंग सदृश हो गया। अतएव ऐसा मालूम होने लगा जैसे सूर्य ने किरण बाणों से अन्धकार रूपी हाथियों की छटा को सर्वत्र मार गिराया हो। उन्हीं के घावाँ से निकला हुआ रूधिर बहकर नदियों में आ गया हो और उसी के मिश्रण से उनका जल लाल हो गया हो।
प्रश्न (क) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ख) प्रस्तुत गद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) प्रातः कालीन सूर्य की किरणें पड़ने पर नदियों का जल किस प्रकार प्रतीत होने लगा ?
(घ) प्रस्तुत गद्यांश में अन्धकार की तुलना किससे की गई है?
(ड़) सूर्य की किरण-बाण ने किसे नष्ट किया?
- दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 5×2-10
चिन्ता तौ हरि नाँउ की, और न चिन्ता दास।
जे कुछ चितवँ राम बिन, सोई काल की पास।।
तू त करता तू भया, मुझ में रहीन हैं।
बारी फेरी बलि गई, जित देखों तित तू ।।
प्रश्न (क) उपयुक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये।
(ग) कवि का ‘मैं’ भाव किस प्रकार पूर्णतः समाप्त हो गया ?
(घ) ‘जित देखौ तित तू’ पक्ति का आशय स्पष्ट कीजिये।
(ड़) ‘हरि नाँउ’ में कौन-सा अलंकार है?
अथवा
निसि दिन बरषत नैन हमारे।
सदा रहित बरषा रितु हम पर, जय तै स्याम सिधारे ।।
द्वग अंजन न रहत निसि बासर, कर कपोल भए कारे।
कंचुकि-पट सूखत नहिं कबहूँ, उर बिव बहत पनारे ।।
आँसू सलिल सबै भइ काया, पल न जात रिस तारे।
सूरदास-प्रभु यहै परेखौ, गोकुल का है बिसारे।।
प्रश्न (क) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये।
(ग) गोपियाँ पर वर्षा ऋतु क्यों छाई रहती है? स्पष्ट कीजिये।
(घ) पद्यांश के अनुसार गोपियों को किस बात का दुःख है? स्पष्ट कीजिये।
(इ) ‘आसू सलिल सबै भई काया’ पक्ति का आशय स्पष्ट कीजिये।
5.(क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीयन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए- (शब्द सीमा अधिकतम 80 शब्द) 3+2-5
(i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(ii) आचार्य महाबीर प्रसाद द्विवेदी
(iii) सरदार पूर्ण सिंह
(iv) डॉ. सम्पूर्णानन्द ।
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए- (शब्द सीमा अधिकतम 80 शब्द) -3+2-5
(i) सूरदास
(ii) तुलसीदास
(ii) कबीरदास
(iv) बिहारी ।
6.’बलिदान’ अथवा ‘आकाशदीप’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। 5
अथवा
‘ प्रायश्चित’ अथवा ‘समय कहानी का सारांश लिखिए।
- स्वपठित नाटक के द्वितीय अंक का कथानक अपने शब्दों में लिखिए। 5
अथवा
स्वपठित नाटक के आधार पर प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।
खण्ड ‘ख‘
- (क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए- 2+5=7
भारतस्य स्वन्त्रन्दोलनस्य इदं नगरं प्रधान केन्द्रम आसीत्। श्रीमोतीलाल नेहरू, महामना मदनमोहनमालवीय, आजादोपनामकश्चन्द्रशेखरः अन्ये च स्वतन्त्रता संग्राम सैनिकाः अस्यामेव पावन भूमौ उपित्वा आन्दोलनस्य सञ्चालनम् अकुर्वन राष्ट्रनायकस्य पंडित जवाहरलालस्य इयं क्रीडास्थली कर्मभूमिश्च ।
अथवा
भारतदेशस्य सुविस्तृतायाम् उत्तरस्यां दिशि स्थितों गिरिः पर्वतराजो हिमालयः इति नाम्नाभियीयते जनैः। अस्य महोच्चानि शिखराणि जगतः सर्वानपि पर्वतान जयर्योन्त। अत एव लोका एनं पर्वतराज कथयन्ति। अस्योन्नतानि शिखराणि सदैव हिमें: आच्छादितानि तिष्ठन्ति । अत एवास्य हिमालय इति हिमगिरि-त्यपि च नाम सुप्रसिद्धम्।
(ख) निम्नलिखित रलोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिये- 2+5-7
सत्येन रक्ष्यते धर्मी विद्या योगेन रक्ष्यते।
मृजया रक्ष्यते रूपं कुलं वृत्तेन रक्ष्यते ।।
अथवा
संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनासि जानताम्।
देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानानाः उपासते ।।
- निम्न मुहावरों एवं लोकोक्तियाँ में से किन्हीं दो के अर्थ लिखते हुए उनका वाक्य प्रयोग कीजिए- 1+1-2
(i) अक्ल के पीछे लाठी लेना
(ii) उल्टी माला फेरना
(iii) अपना हाथ जगन्नाथ
(iv) ऊँट के मुह में जीरा।
10.(क) (i) अद्यपि का सन्धि-विच्छेद है- 1
(A) आदि + अपि
(B) अद्य + अपि
(C) आदि + अपि
(D) अद् + यापि ।
(ii) ‘देगेशः’ का सन्धि-विच्छेद है- 1
(A) देवे + ईरा:
(B) देवी + ईशः
(C) दयो + ईश:
(D) दय + ईशः।
(iii) ‘जयति’ का सन्धि विच्छेद है- 1
(A) जा + यति
(B) जो + अति
(C) जे + अति
(D) जय + ति ।
(ख) (i) स्वर्ण-सवर्ण का समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द है- 1
(A) सोना और अच्छा
(B) सुनार और सेना
(C) सोना और चाँदी
(D) सोना और उच्च जाति।
(ii) ‘उपकार-अपकार’ का समोच्चारित-भिन्नार्थक शब्द है- 1
(A) दूसरे का कार्य और युरा
(B) पुकार और न बोलना
(C) भलाई और बुराई
(D) अच्छा और दुष्ट।
(ग) निम्न में से किन्हीं दो शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिये- 1+1-2
(A) कनक
(C) पानी
(B) कमल
(D) गुण ।
- (क) ‘आत्मने’ पद में विभक्ति एवं वनन है- 2
(A) पञ्चमी, एक यचन
(B) पष्ठी, द्विवचन
(C) चतुर्थी, बहुवचन
(D) चतुर्थी, एक वचन।
(ख) निम्न में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिये- 2
(A) हम सब छत्त में खेलेंगे
(B) में कलम के साथ लिखता हूँ।
(C) वृक्षों पर कोयल बैठी है।
(D) यह दण्ड देने योग्य है।
(ग) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्याशों के लिये एक-एक उचित शब्द लिखिये-2
(A) दोपहर के बाद का समय
(B) जो दूर की बात सोच सके
(C) जिसका पति मर गया हो
(D) दूसरों पर आश्रित रहने वाला।
12 (क) ‘रूपक’ अथवा ‘रलेप’ अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये। 2
(ख) ‘वीर’ अथवा ‘श्रृंगार’ रस का लक्षण व उदाहरण लिखिये। 2
(ग) ‘चौपाई’ अथवा ‘सौरठा’ छन्द का लक्षण व उदाहरण लिखिये। 2
- देहरादून में बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ अपने ग्राम द्वारा संचित धनराशि को पहुँचाने हेतु जिलाधिकारी को एक पत्र लिखिये।6
अथवा
डाकुओं के आतंक को दूर करने के लिए जनपद के पुलिस अधीक्षक महोदय को एक शिकायती पत्र लिखिये।
14 निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिये-9
(i) भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति
(ii) बेरोजगारी की समस्या एवं समाधान
(iii) आरक्षण वरदान या अभिशाप
(iv) विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा।
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