हिंदी मॉडल पेपर -अर्धवार्षिक परीक्षा 2024-25 Download PDF || Class 9 Hindi Halfyearly Model Paper 2024-25 | ऐसा ही आना

हिंदी मॉडल पेपर –अर्धवार्षिक परीक्षा 2024-25 || Class 9 Halfyearly Model Paper 2024-25 | ऐसा ही आना

UP Board Class 9 Hindi Half yearly exam model  paper 2024-25 Download PDF  यूपी बोर्ड कक्षा 9 हिंदी प्रश्न पत्र 2024-25 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25. Class 9 Hindi Question Paper 2024-25 Download PDF || Class 9 Hindi  Model Paper 2024-25 – UP Board Newly Updated Syllabus Question Paper 2024-25 session 2024-25 -UPMSP- Based on New pattern of Up Board.

Class 9Topic Half yearly exam model  paper
Board UP Board (UPMSP) Exam Year2025
StateUttar Pradesh यूपी बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट UPMSP.EDU.IN
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कक्षा 9 हिंदी प्रश्नपत्र  यूपी बोर्ड परीक्षा  2024

समय 3:15 hr.पूर्णांक 100
प्रक्टिकल नहीं पासिंग मार्क 33.33%

अर्धवार्षिक परीक्षा प्रश्नपत्र  2024-25

कक्षा-9

हिन्दी

समय: 3 घण्टे 15 मिनट ।                                                           पूर्णांक : 70

निर्देश-प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिये निर्धारित हैं। |

नोट- (i) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

(ii) सभी प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख निर्दिष्ट हैं।

खण्ड (क)

  1. श्री निवास जी लेखक हैं- 1

(i) शुक्ल युग के

(ii) द्विवेदी युग के

(iii) भारतेन्दु युग के

(iv) प्रसाद युग के।

  1. भारतेन्दु द्वारा सम्पादित पत्रिका है- 1

(i) सरस्वती

(ii) हंस

(iii) माधुरी

(iv) कविवचन सुधा।

  1. भारतेन्दु युग की समयावधि है- 1

(i) सन् 1900.ई. से 1922 ई. तक

(ii) 13वी शताब्दी से सन् 1868 ई. तक

(iii) सन् 1868 ई. से 1900 ई. तक

(iv) सन् 1919 ई. से 1938 ई. तक।

  1. ‘प्रथम उत्थानकाल’ माना जाता है- 1

(i) प्रसाद युग को

(ii) शुक्ल युग को

(iii) भारतेन्दु युग को

(iv) आधुनिक युग को

  1. ‘बीजवपन’ काल कहते हैं-                                                           1

(i) भारतेन्दु युग को

(ii) आदिकाल को

(iii) भक्तिकाल को

(iv) स्वर्ण काल को ।

  1. ‘सुखसागर’ के लेखक हैं- 1

(i) लल्लू लाल

(ii) मुंशी सदासुखलाल

(iii) इंशा अल्ला खां

(iv) सदल मिश्र।

  1. ‘सत्यार्थ प्रकाश’ रचना है- 1

(i) स्वामी विवेकानन्द की

(ii) स्वामी दयानन्द की

(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की

(iv) मथुरानाथ शुक्ल की

  1. सदल मिश्र की रचना है- 1

(i) प्रेम सागर

(ii) सुख सागर

(iii) नासिकेतोपाख्यान

(iv) उदयभान चरित।

  1. काव्य में जहां किसी एक वर्ण की आवृत्ति बार-बार हो वहां अलंकार होता है-                       1

(i) उपमा

(ii) श्लेष

(iii) अनुप्रास

(iv) यमक

  1. श्रृंगार रस का स्थायी भाव है- 1

(i) शोक

(ii) उत्साह

(iii) रति

(iv) अद्भुत्।

  1. प्रत्येक चरण के अन्त में दो गुरू वर्ण होते हैं- 1

(i)  सोरठा में

(ii) चौपाई में

(iii) दोहा में

(iv) कुण्डलिया में

  1. शुद्ध शब्द है-

(i)  अशीर्वाद

(ii) आर्शीवाद

(iii) आसीरवाद

(iv) आशीर्वाद

  1. निम्नलिखित में अल्प विराम है-

(i)  (;)

(ii) (,)

(iii) (:)

(iv) (-)

14 निम्नलिखित में तत्सम शब्द है-

(i)  हिये

(ii) उलूक

(iii) काठ

(iv) सिर

  1. किसी शब्द का उल्टा अर्थ रखने वाले शब्द कहलाते हैं-

(i)  तत्सम

(ii) तद्भव

(iii) विरुद्वार्थी

(iv) पर्यायवाची

  1. हवा का पर्यायवाची नहीं है-

(i)  अनल

(ii) अनिल

(iii) अनिल

(iv) पवन

  1. ‘राज पुत्र’ का समास विग्रह है-

(i)  राजा और पुत्र

(ii) राजा के साथ पुत्र

(iii) पुत्र के साथ राजा

(iv)  राजा को पुत्र

  1. अकः सवर्णे दीघः सूत्र है-

(i)  वृद्धि

(ii) गुण

(iii) दीर्घ

(iv) अयादि

  1. ‘राम’ शब्द षष्ठी विभक्ति बहुवचन में रूप होगा-

(i)  रमाणाम

(ii) रामाणाम्

(iii) समणाम्

(iv)  रमसु

  1. ‘गम्’ धातु विधिलिङ् लकार मध्यम पुरुष बहुवचन का रूप होगा-

(i)  गच्छेसु

(ii) गच्छेत्

(iii) गच्छेतम्

(iv)  गच्छेः

  1. दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

क.      यदि हम वैद्य होते तो कफ और पित्त के सहवर्ती बातकी व्याख्या करते तथा भूगोल वेत्ता होते तो किसी देश के जलवात का वर्णन करते, किन्तु दोनों विषयों में से हमें एक बात कहने का प्रयोजन नहीं है। हम तो केवल उसी के ऊपर दो चार बातें लिखते हैं, जो हमारे तुम्हारे संभाषण के समय मुख से निकल-निकल के परस्पर हृदयस्थ भाव को प्रकाशित करती रहतीं हैं।

प्रश्न     1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम और, लेखक का नाम लिखिए।         (2)

  1. रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (2)
  2. वैद्य किस बात की बात करते हैं? (2)

अथवा

ख.     यह कागभुशुंडि भी विचित्र पक्षी है- एक साथ समादरित, अनादरित अति सम्मानित, अति अवमानित। हमारे बेचारे पुरखे न गरुड़ के रूप में आ सकते हैं, न मयूर के, न हंस के। उन्हें तो पितर पक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए काक बनकर ही अवतीर्ण होना पड़ता है। इतना ही नहीं, हमारे दूरस्थ प्रियजनों को भी आने का मधु सन्देश इनके कर्कश स्वर में ही देना पड़ता है। दूसरी ओर हम कौआ को और कांव-कांव कोअवमानना के अर्थ में ही प्रयुक्त करते हैं।

प्रश्न-   1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम व लेखिका का नाम लिखिए।  (2)

  1. रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(2)
  2. कौआ हमारे समाज में किस प्रकार समादरित है। (2)

22.दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

क. रहिमन ओछे नरन ते, तजौ बैर अरु प्रीति।

काटे-चाटे स्वान के, दूंहूं भांति विपरीत ।।

प्रश्न     1. उपर्युक्त दोहे के पाठ का नाम व कवि का नाम लिखिए।          (2)

2.ओछे व्यक्ति से बैर और प्रीति दोनों क्यों त्याग देने चाहिए।       (2)

  1. कुत्ते का काटना और चाटना कैसे हानिकारक है? (2)

अथवा

ख.     चौंक उठी अपने विचार से

कुछ दुरागत ध्वनि सुनती,

इस निस्तब्ध निशा में कोई,

चली आ रही है कहती,

अरे! बता दो मुझे दया कर,

कहां प्रवासी है मेरा?

उसी बावले से मिलने को,

डाल रही हूं मैं फेरा।

प्रश्न     1.प्रस्तुत पद्यांश के पाठ का नाम व कवि का नाम लिखिए। (2)

  1. आने वाली स्त्री अपने किस प्रवासी को खोज रही है? (2)
  2. रेखाकित अंश की व्याख्या कीजिए । (2)

23.निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद करो। क. 1+3=4

क.      विनयः हि मनुष्याणां भूषणम्। विनयशीलः जनः सर्वेषां जनानां प्रियः भवति। विनयः सदाचारात उद्भवति। सदाचारातं न केवलं विनयः अपितु विविधाः अन्येऽपि सद्गुणाः विकसन्ति, यथा धैर्यम, दाक्षिण्यम, संयमः, आत्मविश्वासः, निर्भीकता। अस्माकं भारत भूमेः प्रतिष्ठा जगति सदाचारादेव आसीत्। पृथिव्यां सर्वमानवाः स्वं स्वं चरित्रं भारतस्य सदाचार परायणात जनात शिक्षेरन्। भारत भूमिः अनेकेषां सदाचारिणां पुरुषाणां जननी। एतेषां महापुरुषाणाम् आचारः अनुकरणीयः ।

अथवा

एकस्मिन् दिने प्रातः रामदासः क्षेत्राणि गच्छन् दुग्ध परिपूर्ण पात्रं हस्ते दधानं प्रसन्नमुखं धर्मदासम् अवलोक्य अवदत्, “अपिकुशल ते वर्धते किम् तव अनुष्ठानम? किं तम् महात्मानं मन्त्रार्थम् उपगच्छाव ? धर्मदासः प्रत्यवदत “मित्र! वर्षपर्यन्त श्रम् कृत्वा मया इदम् सम्यक ज्ञातं यत् ‘कर्म’ एव स सिद्धिमंत्रः ।

 

ख.     निम्नलिखित संस्कृत श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए- 1+3-4

  1. उत्साह सम्पन्नम् दीर्घसूत्रं क्रियाविधिज्ञं व्यसनेष्वसक्तम्।

शूरं कृतज्ञं दृढ़सौहृदं च लक्ष्मीः स्वयं यति निवासहेतोः ।।

अथवा

  1. रक्षिता जीवलोकस्य धर्मस्य परिरक्षिता।

रक्षिता स्वस्य धर्मस्य स्वजनस्य च रक्षिता ।।

  1. दीपदान एकांकी का प्रमुख उद्देश्य क्या है? लिखिए। (5)

अथवा

नए मेहमान एकांकी के प्रमुख पात्र विश्वनाथ का चरित्र चित्रण कीजिए।

 

  1. क. निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी दो रचनाओं के नाम भी लिखिए।                             (4)

1.महादेवी वर्मा

2. प्रताप नारायण मिश्र

3. प्रेमचन्द

ख. निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कवि का जीवन परिचय देते हुए उनकी दो  रचनाओं का उल्लेख कीजिए- (4)

1.भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

2. मैथिलीशरण गुप्त

3. कबीरदास

26.अपनी पाठ्य पुस्तक से याद किया हुआ एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न पत्र में न आया हो। (2)

27.निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए-(4)

क. आचारात किम् लभते?

ख. ईश्वरः कीदृशः अस्ति?

ग. नारायणपुरे कः निवसति ?

  1. निम्नलिखित मुहावरों तथा लोकोक्तियों में से किन्हीं दो का अर्थ लिखते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग करो-   (2)

क. अपना उल्लू सीधा करना।

ख. गरीबी में आटा गीला होना

ग. अंधों में काने राजा

घ. अपनी करनी पार उतरनी

  1. निम्नलिखित हिन्दी वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए (4)

क. बच्चे खेलते हैं।

ख. मैं जाता हूं।

ग. तुम कहां जाते हो ?

घ. सीता गाना गाती है।

  1. अपनी बहन की शादी में सम्मिलित होने के कारण अवकाश प्राप्ति हेतु अपने प्रधानाचार्य जी को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए। (5)

अथवा

अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य जी के नाम एक प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें निर्धन छात्र सहायता कोष से आर्थिक सहायता मागी गई हो।