Up Board Exam 2025 Latest Model Paper 2025- Class 12 sahityik Hindi- Based on New Education Policy – कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी मॉडल पेपर 2025अब ऐसा पेपर आयेगा 2025 में –

Class 12 Sahityik Hindi Model Paper 2025कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी मॉडल पेपर 2025 UP Board Newly Updated Syllabus Question Paper 2025 session 2024-25 -UPMSP- Based on New pattern of Up Board 

कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी मॉडल पेपर 2025, Dear Students – As the academic session 2024-25 under UPMSP (Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad) approaches, we are pleased to present important updates for Class 12 students.

Class 12 Sahityik Hindi Model Question Paper 2025 (UPMSP)

SubjectHindi (Arts)Board UP Board (UPMSP)
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यूपी बोर्ड कक्षा 12, 2024-25 साहित्यिक हिंदी PDF download :-

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Class 12 Sahityik Hindi Model Paper 2025

समय 3:15 hr.पूर्णांक 100
प्रक्टिकल नहींपासिंग मार्क 33.33%

प्रतिदर्श प्रश्न पत्र : 2024-25

कक्षा : 12

विषय : हिन्दी

समय : तीन घण्टे 15 मिनट                                                पूर्णांक : 100

नोट:- (i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित है।

(ii) इस प्रश्न में दो खण्ड हैं, दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों का उत्तर देना आवश्यक है।

 (खण्ड क)

  1. (क) हिंदी की प्रथम रचना मानी जाती है:

(i) ‘साहित्यालोचन’

(ii) ‘गोरा बादल की कथा’

(iii) श्रावकाचार

(iv) ‘साहित्य लहरी’

(ख) भारतेंदु युग के लेखक हैं:

(i) भगवत शरण उपाध्याय

(ii) प्रताप नारायण मिश्र

(iii) रघुवीर सहाय

(iv) मैथिलीशरण गुप्त

(ग) ध्रुवस्वामिनी नाटक के रचनाकार हैं-

(i) ‘लक्ष्मीनारायण मिश्र

(ii) ‘ रामकुमार वर्मा

(iii) उपेन्द्रनाथ ’अश्क“

(iv) जयशंकर प्रसाद

      (घ) ’भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है?’ हिन्दी-गद्य की विधा है-

(i) निबन्ध

(ii) उपन्यास

(iii) आलोचना

(iv) नाटक

(ङ) ’आरोहण-प्रमुख स्वामी जी के साथ मेरा आध्यात्मिक सफर’ कृति के रचनाकार हैं-

(i) राहुल सांकृत्यायन

(ii) डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

(iii) फणीश्वर नाथ रेणु

(iv) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

2.(क) छायावादोत्तरकाल का समय माना जाता है-

(i) 1938 ई से सन् 1953 ई तक

(ii) 1925 ई से सन् 1953 ई तक।

(iii) 1918 ई से सन् 1953 ई तक

(iv) ‘1953 ई से अद्यतन

(ख) ‘तारसप्तक’ काव्य-संग्रह का प्रकाशन हुआ था-

(i) 1953 ई में

(ii) 1943 ई में

(iii) 1935 ई में

(iv) ‘1919 ई में

(ग) ‘कला तथा बूढ़ा चाँद’ के रचनाकार हैं-

(i) सुमित्रानन्दन पन्त

(ii) दिनकर

(iii) अज्ञेय

(iv) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’।

(घ) ‘प्रियप्रवास’ महाकाव्य के रचनाकार हैं-

(i) मैथिलीशरण गुप्त

(ii) अयोध्यासिंह उपाध्याय’हरिऔध’

(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

(iv) दिनकर।

(ङ) छायावाद की मुख्य विशेषताएँ हैं-

(i) प्रकृति का मानवीकरण

(ii) युद्धों का वर्णन

(iii) यथार्थ चित्रण

(iv) भक्ति की प्रधानता।

  1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

राष्ट्र का तीसरा अंग जन की संस्कृति है। मनुष्य ने युगों-युगों में जिस सभ्यता का निर्माण किया है, वही उसके जीवन की श्वास-प्रश्वास है। बिना संस्कृति के जन की कल्पना कबंधमात्र है, संस्कृति हो जन का मस्तिष्क है। संस्कृति के विकास और अभ्युदय के द्वारा ही राष्ट्र की वृद्धि संभव है। राष्ट्र के समग्र रूप में भूमि और जन के साथ-साथ जन की संस्कृति का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

(क) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।

(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

(ग) राष्ट्र का तीसरा अंग क्या है?

(घ) मनुष्य के जीवन की श्वास-प्रश्वास क्या है?

(ङ) राष्ट्र की वृद्धि कैसे संभव है?

अथवा

भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा लेकर चलने वाले भी कुछ राजनीतिक दल हैं। किन्तु वे भारतीय संस्कृति की समानता को उसकी गतिहीनता समझ बैठे हैं और इसलिए बीते युग की रूढ़ियों अथवा यथास्थिति का समर्थन करते हैं। संस्कृति के क्रांतिकारी तत्त्व की ओर उसकी दृष्टि नहीं जाती । वास्तव में समाज में प्रचलित अनेक कुरीतियाँ जैसे छुआछूत, जाति- भेद, दहेज, मृत्युभोज, नारी-अवमानना आदि भारतीय संस्कृति और समाज के स्वास्थ्य के सूचक नहीं बल्कि रोग के लक्षण  है। भारत के अनेक महापुरुष, जिनकी भारतीय परम्परा और संस्कृति के प्रति अनन्य निष्ठा थी, इन बुराइयों के विरुद्ध लड़े हैं।

(क) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक के नाम का उल्लेख कीजिए ।

(ख) भारतीय संस्कृति के प्रति किसे निष्ठा है?

(ग) बीते युग की रूढ़ियों का समर्थन कौन करता है?

(घ) समाज में प्रचलित किन-किन कुरीतियों का उल्लेख किया गया है?

(ङ) कौन-से तत्त्व स्वस्थ समाज के सूचक नहीं हैं?

  1. निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आये।

होने देना विकृत-बसना तो न तू सुन्दरी को।

जो थोड़ी भी श्रमित वह हो, गोद ले श्रांति खोना।

होठों की औ कमल-मुख की म्लानताएँ मिटाना।

कोई क्लान्ता कृषक-ललना खेत में जो दिखावे।

धीरे-धीरे परस उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।

(क) प्रस्तुत पद्यांश की कविता का शीर्षक और कवि के नाम का उल्लेख कीजिए।

(ख) लज्जाशीला महिला के लिए कवि ने क्या करने को कहा है?

(ग) विकृत-वसना का भाव स्पष्ट कीजिए ।

(घ) कवि ने किसकी म्लानताओं को मिटाने को कहा है?  

(ङ) रेखांकित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए ।

अथवा

बनो संसृति मूल रहस्य, तुम्हीं से फैलेगी यह बेल

विश्व वन सौरभ से भर जाय सुमन के खेलो सुन्दर खेल।

और यह क्या तुम सुनते नहीं विधाता का मंगल वरदान,

शक्तिशाली हो विजयी बनो विश्व में गूंज रहा जय गान।।

(क) प्रस्तुत पद्यांश के कविता के शीर्षक और कवि के नाम का उल्लेख कीजिए ।

(ख) कवि ने किससे बेल फैलने की बात कही है?

(ग) ‘विश्व वन सौरभ से भर जाय’ का भाव स्पष्ट कीजिए?

(घ) ‘शक्तिशाली और विजयी बनो’ का संदेश कहाँ गूंज रहा है?

(ङ) विधाता का मंगल वरदान क्या है?

5.(क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)

(i) वासुदेवशरण अग्रवाल

(ii) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी

(iii) डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी

(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर  प्रकाश डालिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)

(i) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

(ii) जयशंकर प्रसाद

(iii) महादेवी वर्मा

  1. कहानी कला के आधार पर ‘पंचलाइट’ कहानी की समीक्षा कीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)

अथवा

ध्रुवयात्रा के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए। (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)

  1. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्डकाव्य के एक प्रश्न का उत्तर

लिखिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)

(क) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के कथानक की प्रमुख विशेषताएँ बताइए ।

                       अथवा

 ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर कुन्ती के चरित्र की विशेषताएँ बताइए ।

(ख) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाएँ संक्षेप में लिखिए ।

                                अथवा

 ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

(ग) ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए ।

                                अथवा

‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

(घ) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

                                अथवा

 ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के किसी प्रमुख पात्र का चरित्रांकन कीजिए ।

(ङ) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाएँ संक्षेप में लिखिए ।

                                अथवा

‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के प्रमुख पुरुष पात्र के चरित्र की विशेषताएँ बताइए ।

(च) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य में वर्णित किसी प्रेरणास्पद घटना का उल्लेख कीजिए।

अथवा

‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के प्रमुख पात्र ‘हर्षवर्धन’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

खण्ड ख

8.(क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद  कीजिए:

संस्कृतस्य साहित्यं सरसं व्याकरणञ्ब सुनिश्चितम् । तस्य गद्ये पद्ये च लालित्यं, भावबोध सामर्थ्यम् अद्वितीयं   श्रुतिमाधुर्यञ्च वर्तते । किं बहुना चरित्रनिर्माणार्थं यादृशीं सत्प्रेरणां संस्कृतवाङ्मयं ददाति तादृशी । दया, दानं, शौचम्,  औदर्यम् अनसूया, क्षमा, अन्ये चानेके गुणाः अस्य साहित्यस्य अनुशीलनेन सञ्जायन्ते। न तादृशीं किञ्चिदन्यत् (मूलभूतानां मानवीयगुणानां यादृशी विवेचना संस्कृतसाहित्ये वर्तते नान्यत्र

अथवा

हिन्दी-संस्कृताङ्ग्लभाषासु अस्य समानः अधिकारः आसीत् । हिन्दी हिन्दुहिन्दुस्थानानामुत्थानाय अयं निरंतरं प्रयत्नमकरोत् । शिक्षयैव देशे समाजे च नवीनः प्रकाशः उदेति । अतः श्रीमालवीयः वाराणस्यां काशीहिन्दूविश्वविद्यालयस्य संस्थापनमकरोत् । अस्य निर्माणाय अयं जनान् धनम् अयाचत जनाश्च महत्यस्मिन् ज्ञानयज्ञे प्रभूतं धनमस्मै प्रायच्छन्, तेन निर्मितोऽयं विशालः विश्वविद्यालयः भारतीयानां दानशीलतायाः श्रीमालवीयस्य यशसः च प्रतिमूर्तिरिव विभाति ।

(ख) निम्नलिखित संस्कृत श्लोकों में से किसी एक का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।

ज्ञाने मौनं क्षमा शक्ती त्यागे श्लाघाविपर्ययः ।

गुणा गुणानुबन्धित्वात् तस्य सप्रसवा इव ।।

अथवा

प्रजानां विनयाधानाद् रक्षणाद् भरणादपि ।

स पिता पितरस्तासां केवलं जन्म हेतवः।।

9.निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए:

(क) कस्य साहित्यं सरसं मधुरं च अस्ति?

(ख) मैत्रेयी कस्य पत्नी आसीत्?

(ग) देशस्य प्रगत्तये किम् आवश्यकम् अस्ति?

(घ) मूर्खाणां कालः कथं गच्छति?

  1. (क) करुण रस अथवा शान्त रस का लक्षण के साथ उदाहरण लिखिए ।

(ख) उपमा अथवा उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए ।

(ग) चौपाई अथवा कुण्डलियाँ छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए ।

  1. (क) (i)’पवित्रम्’ का सन्धि विच्छेद है:

(अ) पो + इत्रम्

(ब) पो + त्रम्

(स) पव + इत्रम्

(द) पा + इत्रम्

(ii) ‘हरेऽव’ का सन्धि-विच्छेद है:

(अ) हर + अव

(ब) हरे + अव

(स) हरा + व

(द) हरः + आव

(iii) ‘दोग्धा’ का सन्धि-विच्छेद है:

(अ) दोग घा

(ब) दोक् + धा

(स) दो ग्धा

(द) दोघ् + धा

(ख) निम्नलिखित में से किसी एक पद का विग्रह करके समास का नाम लिखिए:

(i) प्रतिदिनम्

(ii) चन्द्रशेखरः ।

(iii) दशाननः

  1. (क) () ‘लघुता’ में प्रत्यय है:

(अ) तव्यत्

(ब) अनीयर

(स) तल्

(द) त्व

(ii) किस शब्द में ‘मतुप्’ प्रत्यय है?

(अ) धीमान्

(ब) पुरुषत्व

(स) दीनता

(द) पठितव्य

(ख)        (i) रेखांकित पदों में से किसी एक पद में विभक्ति तथा सम्बन्धित नियम का उल्लेख कीजिए:

(अ) भिक्षुकः पादेन खञ्जः अस्ति ।

(ब) सुग्रीवः रामस्य सखा आसीत् ।

(स) मोहनः गृहात् आगच्छति ।

(ii) निम्नलिखित वाक्यों में से येनाङ्गविकारः (अंग से विकार लक्षित होता है) कौन-सा  वाक्य है?

(अ) गृहं परितः वनम् अस्ति ।

(ब) सः शिरसा खल्वाटः ।

(स) देवेभ्यः स्वाहा ।

  1. बैंक में खाता खोलने के लिए बैंक प्रबन्धक को आवेदन / प्रार्थना पत्र लिखिए ।

अथवा

शहर में फैली संक्रामक बीमारी की तरफ जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करने के लिए आवेदन पत्र / प्रार्थना पत्र लिखिए ।

  1. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए :

(क) विकासशील समाज के लिए इंटरनेट की उपयोगिता

(ख) नारी सशक्तीकरण

(ग) जातिवाद की समस्या: कारण और निवारण

(घ) आधुनिक शिक्षा-प्रणाली के गुण-दोष