UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi @upmsp.edu.in –[Set-7 – 301 (HG)] PDF Download

UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download.

12th Hindi Samanya and Sahityik Hindi. UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi and General Hindi For New Model Paper Pattern @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download. Board Exam 2025.  UP Board Class 12 Sahityik Hindi Previous Year Question Paper 2025 Download PDF [Set-7 – 301 (HG) 7 SET – यूपी बोर्ड कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25.

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101                                                      301(HG)

2025

हिन्दी

समय : तीन घण्टे 15 मिनट                                                  पूर्णांक : 100

नोट :

(i)     प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

(ii)    इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

खण्ड – क

  1. (क) आधुनिक हिन्दी एकांकी का जनक माना जाता है                               1

(i) भुवनेश्वर प्रसाद को

(ii) उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ को

(iii) विष्णु प्रभाकर को

(iv) रामकुमार वर्मा को ।

(ख)   रामविलास शर्मा द्वारा लिखित कृति है   1

(i) ‘चंपारण में महात्मा गांधी’

(ii) ‘कलम का सिपाही’

(iii) ‘निराला की साहित्य-साधना’

(iv) ‘अपनी खबर’ ।

(ग)    ‘भाषा और आधुनिकता’ निबन्ध के लेखक हैं      1

(i) वासुदेवशरण अग्रवाल

(ii) प्रो० जी० सुंदर रेड्डी

(iii) जैनेन्द्र कुमार

(iv) हजारीप्रसाद द्विवेदी ।

(घ)    निम्न में से जैनेन्द्र कुमार की उपन्यास-विधा पर आधारित रचना नहीं है          1

(i) ‘त्यागपत्र’

(ii) ‘व्यतीत’

(iii) ‘प्रस्तुत-प्रश्न’

(iv) ‘परख’ ।

(ङ)   ‘हम और हमारा आदर्श’ शीर्षक निबन्ध में लेखक ने विकसित देशों की समृद्धि के प्रकरण में किस ‘ समूह’ का उल्लेख किया है?       1

(i) G-7

(ii) G-8

(iii) G-20

(iv) नाटो ।

  1. (क) ‘बहुत हमने फैलाये धर्म, बढ़ाया छुआछूत का कुर्म’ इस काव्य पंक्ति के रचयिता हैं       1

(i) जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’

(ii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

(iv) मैथिलीशरण गुप्त ।

(ख)   किस काव्यान्दोलन को ‘स्थूल के प्रति सूक्ष्म को विद्रोह’ माना जाता है?          1

(i) ‘भारतेन्दु-युग’ को

(ii) ‘छायावाद’ को

(iii) ‘प्रगतिवाद’ को

(iv) ‘प्रयोगवाद’ को ।

(ग)    ‘तारसप्तक’ के कवि नहीं हैं         1

(i) नेमिचन्द्र जैन

(ii) गिरिजाकुमार माथुर

(iii) रामविलास शर्मा

(iv) शमशेरबहादुर सिंह ।

(घ)    ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की स्थापना हुई        1

(i) सन् 1935 ई० में

(ii) सन् 1943 ई० में

(iii) सन् 1918 ई० में

(iv) सन् 1936 ई० में ।

(ङ)   बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमधन’ द्वारा सम्पादित पत्रिका है          1

(i) ‘ब्राह्मण’

(ii) ‘आनन्द कादम्बिनी’

(iii) ‘प्रतीक’

(iv) ‘मर्यादा’ ।

  1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5×2=10

पाश्चात्य जगत् ने भौतिक उन्नति तो की, किन्तु उसकी आध्यात्मिक अनुभूति पिछड़ गयी । भारत भौतिक दृष्टि से पिछड़ गया और इसलिए उसकी आध्यात्मिकता शब्दमात्र रह गयी । नाऽयमात्मा बलहीनेन लभ्यःअशक्त आत्मानुभूति नहीं कर सकता । बिना अभ्युदय के निःश्रेयस की सिद्धि नहीं होती। अतः आवश्यक है कि ‘बलमुपास्य’ के आदेश के अनुसार हम बल-संवर्द्धन करें, अभ्युदय के लिए प्रयत्नशील हों, जिससे अपने रोगों को दूर कर स्वास्थ्यलाभ कर सकें तथा विश्व के लिए भार न बनकर उसकी प्रगति में साधक और सहायक हो सकें ।

(i)     उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक के नाम लिखिए ।

(ii)    भारत की क्या चीज शब्दमात्र रह गयी और क्यों?

(iii) पाश्चात्य जगत् ने किस क्षेत्र में उन्नति की?

(iv)   ‘अशक्त’ तथा ‘संवर्द्धन’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।

(v)    रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

अथवा

निन्दा का उद्‌गम ही हीनता और कमजोरी से होता है। मनुष्य अपनी हीनता से दबता है। वह दूसरों की निन्दा करके ऐसा अनुभव करता है कि वे सब निकृष्ट निकृष्ट है और वह उनसे अच्छा है। उसके अहं की इससे तुष्टि होती है। बड़ी लकीर को कुछ मिटाकर छोटी लकीर बड़ी बनती है। ज्यों-ज्यों कर्म क्षीण होता जाता है, त्यों-त्यों निंदा की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है। कठिन कर्म ही ईर्ष्या द्वेष और उनसे उत्पन्न निन्दा को मारता है। इन्द्र बड़ा ईर्ष्यालु माना जाता है। क्योंकि, वह निठल्ला है। स्वर्ग में देवताओं को बिना उगाया अन्न, बे-बनाया महल और बिन-बोये फल मिलते हैं। अकर्मण्यता में उन्हें अप्रतिष्ठित होने का भय बना रहता है, इसलिए कर्मी मनुष्यों से उन्हें ईर्ष्या होती है।

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(i)     उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक के नाम लिखिए ।

(ii)    मनुष्य दूसरों की निन्दा करके कैसा अनुभव करता है?

(iii) देवताओं को कर्मी मनुष्यों से क्यों ईर्ष्या होती है?

(iv)   ‘उद्गम’ तथा ‘निठल्ला’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।

(v)    रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

  1. निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए : 5×2=10

निरख सखी, ये खंजन आये,

फेरे उन मेरे रंजन ने नयन इधर मन भाये !

फैला उनके तन का आतप, मन में सर सरसाये,

घूमें वे इस ओर वहाँ, ये हंस यहाँ उड़ छाये !

करके ध्यान आज इस जन का निश्चय वे मुसकाये,

फूल उठे हैं कमल, अधर-से यह बन्धूक सुहाये..।.

स्वागत, स्वागत, शरद, भाग्य से मैंने दर्शन पाये,

नभ ने मोती वारे, लो, ये अश्रु अर्घ्य भर लाये ।

(i)     उपर्युक्त पद्यांश के पाठ और रचयिता के नाम लिखिए ।

(ii)    इस पद्यांश में किस ऋतु का वर्णन किया गया है?

(iii) सखी को खंजन पक्षी कौन दिखा रहा है

(iv)   ‘रंजन’ तथा ‘आतप’ शब्दों के अर्थ लिखिए।

(v)    रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

अथवा

छायाएँ मानव-जन की

दिशाहीन

सब ओर पड़ीं वह सूरज

नहीं उगा था पूरब में, वह

बरसा सहसा

बीचो-बीच नगर के

काल-सूर्य के रथ के

पहियों के ज्यों अरे टूट कर

बिखर गये हों

दसों दिशा में ।

(i)     उपर्युक्त पद्यांश के पाठ और कवि के नाम लिखिए ।

(ii)    मानव-जन की छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ीं?

(iii) दस दिशाएँ कौन-कौन-सी हैं?

(iv)   किस नगर के बीचो-बीच किस प्रकार का सूरज उगा था?

(v)    रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

  1. (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए, उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए:   3+2=5

(i)     वासुदेवशरण अग्रवाल

(ii)    हजारीप्रसाद द्विवेदी

(iii) डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम ।

(ख)   निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए, उनकी भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए: 3+2=5

(i)     जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’

(ii)    सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ।

  1. ‘लाटी’ अथवा ‘खून का रिश्ता’ कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए। (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)                   5

अथवा ‘पंचलाइट’ अथवा ‘ध्रुवतारा’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए ।

  1. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)        5

(क)   ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘श्रीकृष्ण’ का चरित्र-चित्रण कीजिए।

अथवा ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए ।

(ख)   ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के ‘नायक’ का चरित्रांकन कीजिए ।

अथवा  ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख कीजिए ।

(ग)    ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दशरथ की चारित्रिक विशेषताएँ उ‌द्घाटित कीजिए ।

अथवा ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

(घ)    ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

अथवा ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डालिए ।

(ङ)   ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए ।

अथवा ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर उसकी नायिका का चरित्रांकन कीजिए ।

(च)   ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘महात्मा गाँधी’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।

अथवा ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डालिए ।

खण्ड-ख

  1. (क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए   2+5=7

मृत्युः कामाय पतिः प्रियो भवति । आत्मनस्तु वै कामाय पनि याज्ञवल्क्य उवाच न वा अरे मैत्रेयि । पत्युः  प्रियो भवति । न वा अरे, जायायाः कामाय जाया प्रिया भवति, आत्मनस्तु वै कामाय जाया प्रिया भर्थात । न वा अरे, पुत्रस्य वित्तस्य च कामाय पुत्रो वित्तं वा प्रियं भवति, आत्मनस्तु वै कामाय पुत्रो वित्तं वा प्रियं भवति । न वा अरे सर्वस्य कामाय सर्वं प्रियं भवति, आत्मनस्तु वै कामाय सर्वं प्रियं भवति । तस्माद् आत्मा वा अरे मैत्रेयि ! द्रष्टव्यः दर्शनार्थं श्रोतव्यः, मन्तव्यः निदिध्यासितव्यश्च । आत्मनः खलु दर्शनेन इदं सर्वं विदितं भवति ।

अथवा

महापुरुषाः लौकिक-प्रलोभनेषु बद्धाः नियतलक्ष्यान्न कदापि भ्रश्यन्ति । देशसेवानुरक्तोऽयं युवा उच्चन्यायालयस्य परिधौ स्थानं नाशक्नोत् । पण्डित मोतीलालनेहरू लाला लाजपतराय प्रभृतिभिः अन्यैः राष्ट्रनायकैः सह सोऽपि देशस्य स्वतन्त्रतासंग्रामेऽवतीर्णः । देहल्यां त्रयोविंशतितमे कांग्रेस्याधिवेशने ऽयम् अध्यक्षपदमलङ्कृतवान् । ‘रोलट एक्ट’ इत्याख्यस्य विरोधोऽस्य ओजस्विभाषणं श्रुत्वा आंग्लशासकाः भीताः जाताः । बहुवारं कारागारे निक्षिप्तोऽपि अयं वीरः देशसेवाव्रतं नात्यजत् ।

(ख)   निम्नलिखित संस्कृत पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए     2+5=7

काव्यशास्त्र-विनोदेन कालो गच्छति धीमताम् ।

व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा ।।

अथवा

प्रस्तरेषु च रम्येषु विविधाः काननद्रुमाः

वायुवेग प्रचलिताः पुष्पैरवकिरन्ति गाम् ।।

  1. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए ।          2+2=4

(क)   चत्वारो वेदाः कस्याम् भाषायाम् लिखितानि सन्ति?

(ख)   हंसपोतिका पतिरूपेण कम् अवृणोत्?

(ग)    दयानन्दस्य गुरुः कः आसीत्?

(घ)    बुद्धस्य पञ्चशीलसिद्धान्ताः के सन्ति?

  1. (क) ‘संयोग श्रृंगार’ रस अथया ‘करुण रस’ की परिभाषा लिखकर एक उदाहरण दीजिए ।            2

(ख)   ‘रूपक’ अलंकार अथवा ‘प्रतीप अलंकार’ की परिभाषा लिखकर एक उदाहरण दीजिए।        2

(ग)    ‘सोरठा’ छन्द अथवा ‘बसन्ततिलका’ छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए ।      2

  1. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए?          2+7=9

(क)   भारत में आतंकवाद: कारण और समाधान

(ख)   छात्र और अनुशासन

(ग)    पर्यावरण-प्रदूषण की समस्या और समाधान

(घ)    मद्य निषेध की आवश्यकता

(ङ)   ‘नयी शिक्षा नीति’ की प्रासंगिकता ।

  1. (क) (i) ‘भवति’ शब्द का सन्धि विच्छेद है               1

(अ) भो + अति                              (ब) भौ + अति

(स) भव + अति                              (द) भ + वति ।

(ii) ‘कश्चित्’ का सन्धि-विच्छेद होगा            1

(अ) कष् + चित्                             (ब) कस् + चित्

(स) कश् + चित्                              (द) कः + चित ।

(iii) ‘निस्तारणम्’ शब्द का सन्धि विच्छेद है      1

(अ) निस + तारणम्                         (ब) निस्त + आरणम्

(स) निः + तारणम्                           (द) निष् + तारणम् ।

(ख)   (i) ‘महादेवः’ शब्द में समास है               1

(अ) अव्ययीभाव                             (ब) कर्मधारय

(स) तत्पुरुष                                    (द) द्वन्द्व ।

(ii) ‘प्रत्येकः’ शब्द में समास है       1

(अ) बहुव्रीहि                                  (ब) द्विगु

(स) अव्ययीभाव                             (द) कर्मधारय ।

  1. (क) (i) ‘मुग्धः’ शब्द में प्रत्यय है        1

(अ) क्त्वा                                      (ब) त्व

(स) क्त                                          (द) वतुप् ।

(ii) ‘गन्तव्यः’ शब्द में प्रत्यय है      1

(अ) अनीयर्                                   (ब) तव्यत्

(स) क्त्वा                                       (द) मतुप् ।

(ख)   (i) ‘येनाङ्गविकारः सूत्र के अनुसार विभक्ति लगती है         1

(अ) द्वितीया                                   (ब) तृतीया

(स) चतुर्थी                                     (द) सप्तमी ।

(ii) ‘षष्ठी शेषे’ का निम्न में से उदाहरण है           1

(अ) हनुमते नमः                              (ब) सः विद्यालयं प्रति गच्छत्ि

(स) सुदामा कृष्णस्य मित्रम् आसीत     (द) सः कर्णेन बधिरः अस्ति ।

  1. किसी इण्टरमीडिएट कालेज के प्रबन्धक को ‘लिपिक’ पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन-पत्र लिखिए ।          8