UP Board Class 12 Hindi Model Paper 2024: ने खुद जारी किया पेपर, ऐसा ही आयेगा परीक्षा में (कक्षा 12 हिंदी मॉडल प्रश्नपत्र)upmsp.edu.in

UP Board Class 12 Hindi Model Paper 2023: ने खुद जारी किया पेपर, ऐसा ही आयेगा परीक्षा में (कक्षा 12 हिंदी मॉडल प्रश्नपत्र)

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UP Board Class 12 Hindi Model Paper 2023:  ने खुद जारी किया पेपर, ऐसा ही आयेगा परीक्षा में (कक्षा 12 हिंदी मॉडल प्रश्नपत्र)upmsp.edu.in  

अनुक्रमांक …………………………मुद्रित पृष्ठों की संख्या :12

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102                                     302 (DA)

कक्षा १२ मॉडल प्रश्नपत्र 2023

विषय –  हिन्दी   

समय : 3 घण्टे 15 मिनट ]                                   [  पूर्णांक : 100

निर्देश – (i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

(ii) इस प्रश्नपत्र के दो खंड हैं दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है

 

खण्ड ‘क’

1) 1. खड़ीबोली गद्य का प्रारम्भ किस कृति से माना गया है-

(क) चौरासी वैष्णवन की वार्त्ता

(ख) अष्टयाम

(ग) चन्द्र छन्द बरनन की महिमा

(घ) वर्ण – रत्नाकर ।

  1. निम्नलिखित में से कौन भारतेन्दु का सहयोगी लेखक है –

(क) हजारीप्रसाद द्विवेदी

(ख) वियोगी हरि

(ग) शिवपूजन सहाय

(घ) बालकृष्ण भट्ट ।

  1. निम्नलिखित में से द्विवेदीयुगीन गद्य लेखक/लेखिका हैं—

(क) डॉ० श्यामसुन्दरदास

(ख) महादेवी वर्मा

(ग) यशपाल

(घ) भगवतीचरण वर्मा ।

  1. खड़ीबोली’ गद्य के विकास का प्रारम्भिक युग कौन-सा है—

(क) द्विवेदी युग

(ख) छायावाद युग

(ग) भारतेन्दु युग

(घ) छायावादोत्तर युग ।

  1. निम्नलिखित में से कौन छायावादी युग का गद्य लेखक है-

(क) श्यामसुन्दरदास

(ख) रामचन्द्र शुक्ल

(ग) प्रतापनारायण मिश्र

(घ) जैनेन्द्र कुमार जैन ।

2) 6. कौन – सा कवि अष्टछाप का नहीं है –

(क) परमानन्द

(ख) नन्ददास

(ग) नाभादास

(घ) चतुर्भुजदास ।

  1. ‘कश्मीर सुषमा’ के रचयिता हैं-

(क) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

(ख) नागार्जुन

(ग) मैथिलीशरण गुप्त

(घ) श्रीधर पाठक।

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रन्थ आदिकाल का है-

(क) सूरदास

(ख) पद्मावत

(ग) बीसलदेव रासो

(घ) आँसू ।

  1. निम्नलिखित में से महाकवि भूषण की रचना है –

(क) रेणुका

(ख) चिदम्बरा

(ग) दीपशिखा

(घ) छत्रसाल दशक ।

  1. अखरावट’ के रचनाकार हैं-

(क) मलिक मुहम्मद जायसी

(ख) कबीर

(ग) जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’

(घ) घनानन्द ।

  1. दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए !

यह प्रणाम – भाव ही भूमि और जन का दृढ़ बन्धन है । इसी दृढ़भित्ति पर राष्ट्र का भवन तैयार किया जाता है । इसी दृढ़ चट्टान पर राष्ट्र का चिरजीवन आश्रित रहता है। इसी मर्यादा को मानकर राष्ट्र के प्रति मनुष्यों के कर्त्तव्य और अधिकारों का उदय होता है। जो जन पृथिवी के साथ माता और पुत्र के सम्बन्ध को स्वीकार करता है, उसे ही पृथिवी के वरदानों में भाग पाने का अधिकार है। माता के प्रति अनुराग और सेवाभाव पुत्र का स्वाभाविक कर्त्तव्य है । वह एक निष्कारण धर्म है। स्वार्थ के लिए पुत्र का माता के प्रति प्रेम, पुत्र के अध: पतन को सूचित करता है। जो जन मातृभूमि के साथ अपना सम्बन्ध. जोड़ना चाहता है, उसे अपने कर्त्तव्यों के प्रति पहले ध्यान देना चाहिए।

(क) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।

अथवा उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

(ग) पृथ्वी के वरदानों में कुछ पाने का अधिकार किसे होता है?

अथवा किसे पृथिवी के वरदानों में भाग पाने का अधिकार है?

                      अथवा

यह अनुभव कितना चमत्कारी है कि यहाँ जो जितनी अधिक बूढ़ी है, वह उतनी ही अधिक उत्फुल्ल, मुसकानमयी है। यह किस दीपक की जोत है? जागरूक जीवन की ! लक्ष्यदर्शी जीवन की ! सेवा निरत जीवन की ! अपने विश्वासों के साथ एकाग्र जीवन की। भाषा के भेद रहे हैं, रहेंगे भी, पर यह जोत विश्व की सर्वोत्तम जोत है।

(क) गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए। अथवा उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

(ग) उपर्युक्त गद्यांश में किस चमत्कारी अनुभव की ओर संकेत किया गया है?

  1. दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए !

रोकहिं जो तौ अमंगल होय और प्रेम नसै जो कहै पिय जाइए

जो कहैं जाहु न तौ प्रभुता जौ कछू न कहै तो सनेह नसाइए ||

जो ‘हरिचन्द्र’ कहैं तुमरे बिनु जीहैं न तो यह क्यों पतिआइए ।

तासों पयान समै तमरे हम का कहैं आप हमें समुझाइए ||

(क) उपर्युक्त पद्यांश के पाठ और रचयिता का नाम लिखिए।

ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(ग) नायिका की किस बात के लिए कोई विश्वास नहीं करेगा?

(घ) नायिका नायक को जाने से रोकती है तो इसका क्या परिणाम होगा ?

(ङ) ‘नसाइए’ और ‘पयान’ शब्दों का अर्थ लिखिए।

                        अथवा

निकसि कमण्डल तै उमण्डि नभ – मंडल खण्डति ।

धाई धार अपार बेग सौं बायु बिहण्डति ॥

भयौ घोर अति शब्द धमक सौं त्रिभुवन तरजे ।

महामेघ मिलि मनहु एक संगहिं सब गरजे ॥

निज दरेर सों पौन-पटल फारति फहरावति ।

सुर-पुर के अति सघन घोर घन घसि घहरावति ॥

चली धार धुधकारि धरा- दिसि काटति कावा ।

सगर – सुतनि के पाप-ताप पर बोलत धावा ॥

(क) प्रस्तुत पद्यांश के पाठ और कवि का नाम लिखिए। अथवा उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) ब्रह्माजी के कमण्डलु से बड़े उल्लास और उद्वेग के साथ उमड़कर कौन निकली ?

(ग) वेग के साथ गंगा के आगे बढ़ने पर हुए भयंकर शब्द से कौन भयभीत हो गए?

(ब) गंगा के उतरने का प्रचण्ड वेग कैसा था ?

(ङ) गंगा किसके पुत्रों के पाप तथा सन्ताप पर चढ़ाई – सी करती हुई अत्यन्त वेग से आगे बढ़ी ?

  1. (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय, रचनाओं और भाषा शैली का उल्लेख कीजिए-

(शब्द सीमा अधिकतम 80 शब्द)

    (i) वासुदेवशरण अग्रवाल

    (ii) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

    (iii) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं तथा भाषा-शैली का उल्लेख कीजिए- (शब्द सीमा अधिकतम 80 शब्द)

    (i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,

    (ii) मैथिलीशरण गुप्त,

    (iii) जयशंकरप्रसाद

  1. ‘बहादुर’ कहानी की कथा अपने शब्दों में लिखिए।

                      अथवा

कहानी के प्रमुख तत्त्वों के आधार पर ‘पंचलाइट’ अथवा ‘कर्मनाशा की हार’ कहानी का विवेचन कीजिए।

  1. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्डकाव्य के प्रश्न का उत्तर दीजिए- (शब्द सीमा अधिकतम 80 शब्द)

(i) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए ।

                       अथवा

‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र चित्रण कीजिए।

(ii) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य की कथावस्तु का उल्लेख कीजिए।

                       अथवा

‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘राज्यश्री’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।

(iii) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर उसके नायक का चरित्रांकन कीजिए।

                       अथवा

‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के ‘सन्देश’ सर्ग की कथावस्तु लिखिए।

(iv) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की राष्ट्रीयता और देशभक्ति सम्बन्धी भावनाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

                      अथवा

‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर गांधीजी की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

(v) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।

                      अथवा

‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की पात्र योजना एवं चरित्र चित्रण को संक्षेप में प्रस्तुत कीजिए।

(vi) ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग का कथानक लिखिए।

                     अथवा

‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के आधार पर महात्मा गांधी का चरित्र-चित्रण कीजिए।

                    खण्ड ‘ख’

  1. (क) दिए गए संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए—

अथैकः शकुनिः सर्वेषां मध्यादाशयग्रहणार्थं त्रिकृत्वः अभावयत् । ततः एकः काकः उत्थाय ‘तिष्ठ तावत्’, अस्य एतस्मिन् राज्याभिषेककाले एवं रूपं मुखं, क्रुद्धस्य च कीदृशं भविष्यति । अनेन हि क्रुद्धेन अवलोकिताः वयं तप्तकटाहे प्रक्षिप्तास्तिला इव तत्र तत्रैव धक्ष्यामः ।

                   अथवा

जन्मतः दशमे दिने ‘शिवं भजेदयम्’ इति बुद्धया पिता स्वसुतस्य मूलशङ्कर इति नाम अकरोत् अष्टमे वर्षे चास्योपनयनमकरोत् । त्रयोदशवर्षं प्राप्तवतेऽस्मै मूलशङ्कराय पिता शिवरात्रिव्रतमाचरितुम् अकथयत् । पितुराज्ञानुसारं मूलशङ्करः सर्वमपि व्रतविधानमकरोत् । रात्रौ शिवालये स्वपित्रा समं सर्वान् निद्रितान् विलोक्य स्वयं जागरितोऽतिष्ठत् शिवलिङ्गस्य चोपरि मूषिकमेकमितस्ततः विचरन्तं दृष्ट्वा शङ्कितमानसः सत्यं शिवं सुन्दरं लोकशङ्करं शङ्करं साक्षात्कर्तुं हृदि निश्चितवान् । ततः प्रभृत्येव शिवरात्रेः उत्सव : ‘ऋषिबोधोत्सव:’ इति नाम्ना श्रीमद्दयानन्दानुयायिनाम् आर्य- समाजिनां मध्ये प्रसिद्धोऽभूत् ।

(ख) दिए गए श्लोकों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए-

वैवस्वतो मनुर्नाम माननीयो मनीषिणाम् ।

आसीन्महीक्षितामाद्यः प्रणवश्छन्दसामिव ॥

तदन्वये शुद्धिमति प्रसूतः शुद्धिमत्तरः ।

दिलीप इति राजेन्दुरिन्दु : क्षीरनिधाविव ॥

                     अथवा

प्राप्तः किलाद्य वचनादिह पाण्डवानां

        दौत्येन भृत्य इव कृष्णमतिः स कृष्णः ।

श्रोतुं सखे ! त्वमपि सज्जय कर्ण कर्णौ

        नारीमृदूनि वचनानि युधिष्ठिरस्य ॥

  1. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए –

(क) दिलीपः कस्यान्वये प्रसूतः ?

(ख) महर्षेः दयानन्दस्य गुरुः कः आसीत्?

(ग) दयानन्दस्य भगिनी कथं पञ्चत्वं गता?

  1. (क) ‘शान्त रस’ अथवा ‘वत्सल रस’ का स्थायी भाव के साथ उदाहरण लिखिए।

(ख) ‘उत्प्रेक्षा’ अथवा ‘भ्रान्तिमान्’ अलंकार की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।

(ग) ‘चौपाई’ अथवा ‘कुण्डलीया’ का लक्षण लिखते हुए उसका एक उदाहरण भी दीजिए।

  1. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए-

(क) कोरोना : एक वैश्विक चुनौती।

(ख) नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-20201

(ग) मेरा प्रिय कवि / लेखक : तुलसीदास ।

(घ) प्रदूषण : समस्या और समाधान।

(ङ) बढ़ें बेटियाँ, पढ़ें बेटियाँ।

  1. (क) 1.’कलाविव’ का सन्धि-विच्छेद होगा-

(क) कला + विव

(ख) कलौ + इव

(ग) कल + आविव

(घ) कला + आविव ।

2.’विष्णो + ए’ की सन्धि होगी-

(क) विष्णये

(ख) विष्णुयें

(ग) विष्णुवे

(घ) विष्णवे।

3.’नामन्’ शब्द का पञ्चमी विभक्ति का एकवचन में रूप होगा-

(क) नाम्ने

(ख) नाम्नः

(ग) नाम:

(घ) नाम्ना ।

(ख) 1.’उपतटम्’ में समास है-

(क) तत्पुरुष

(ख) द्विगु

(ग) कर्मधारय

(घ) अव्ययीभाव।

  1. ‘सहरि’ में समास है-

(क) तत्पुरुष

(ख) अव्ययीभाव

(ग) कर्मधारय

(घ) द्वन्द्व ।

  1. 1.’नामन् ‘ शब्द का पञ्चमी विभक्ति का एकवचन में रूप होगा-

(क) नाम्ने

(ख) नाम्नः

(ग) नाम:

(घ) नाम्ना ।

  1. ‘नामन्’ तृतीया बहुवचन का रूप होगा-

(क) नामभ्याम्

(ख) नाम्नाम्

(ग) नामभिः

(घ) नामसु ।

  1. ‘नी’ धातु, लट्लकार, उत्तम पुरुष, एकवचन का रूप होगा-

(क) नयसि,

(ख) नयति

(ग) नयन्ति

(घ) नयामि ।

  1. ‘स्था’ धातु, लोट्लकार, उत्तम पुरुष, द्विवचन का रूप है-

(क) तिष्ठतु

(ग) तिष्ठावः

(ख) तिष्ठन्तु

(घ) तिष्ठाव ।

  1. ‘हृता’ शब्द में प्रत्यय है-

(क) वतुप्

(ख) मतुप्

(ग) तव्यत्

(घ) क्त।

  1. ‘बुद्धिमान् ‘ शब्द में प्रत्यय है-

(क) तव्यत्

(ख) त्व

(ग) वतुप्

(घ) मतुप् ।

  1. ‘प्रति’ के योग में विभक्ति प्रयुक्त होती है-

(क) प्रथमा

(ख) द्वितीया

(ग) तृतीया

(घ) चतुर्थी ।

  1. ‘सहयुक्तेऽप्रधाने’ का उदाहरण है-

(क) शिक्षकैः समम्

(ख) नमः व्यासाय :

(ग) बाणेन रावणः हतः

(घ) विद्यालयम् उभयतः।

  1. निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए-

(क) राम विद्यालय से घर जाता है।

(ख) छात्रों में मोहन सबसे श्रेष्ठ है।

(ग) लक्ष्मण भी राम के साथ वन गए।

(घ) राम ने रावण को बाण से मारा |

(ड़) बालक फल खाएँगे।

 

ये भी देखें – 

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