UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, General Hindi @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download.
12th Hindi Samanya and Sahityik Hindi. UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi and General Hindi For New Model Paper Pattern @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download. Board Exam 2025. UP Board Class 12 General Hindi Previous Year Question Paper 2025 Download PDF [Set 1 – 302 (HH)] 7 SET – यूपी बोर्ड कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25.
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इस पोस्ट में आपको मिलेंगे 2025 के पुराने “समान हिन्दी” के बेहतरीन मॉडल पेपर, जो आपकी यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 की तैयारी को नई ऊँचाई देंगे। ये मॉडल पेपर न सिर्फ़ आपके परीक्षा पैटर्न को समझने में मदद करेंगे, बल्कि बार-बार आने वाले अहम सवालों की पकड़ मज़बूत कर आपकी सफलता के रास्ते को आसान बनाएँगे।
अनुक्रमांक
नाम मुद्रित पृष्ठों की संख्या : 11
102 302(HH)
2025
सामान्य हिन्दी
समय : तीन घण्टे 15 मिनट पूर्णांक : 100
नोट : (i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
खण्ड – क
- (क) निम्नलिखित में से कौन सी रचना हिन्दी गद्य की प्रारम्भिक रचनाओं में गिनी जाती है? 1
(A) गोरखबानी
(B) चर्यापद
(C) उक्ति व्यक्ति प्रकरण
(D) सत्यवती कथा
(ख) ‘हिन्दी प्रदीप’ नामक मासिक पत्र किस साहित्यकार द्वारा निकाला जाता था? 1
(A) प्रतापनारायण मिश्र
(B) बालकृष्ण भट्ट
(C) भारतेन्दु हरिश्चंद्र
(D) महावीरप्रसाद द्विवेदी
(ग) ‘कलम का सिपाही’ के लेखक हैं: 1
(A) प्रेमचन्द
(B) रामवृक्ष बेनीपुरी
(C) अमृतराय
(D) रामविलास शर्मा
(घ) ‘शेखर: एक जीवनी’ रचना की विधा है – 1
(A) कहानी
(B) उपन्यास
(C) जीवनी
(D) आत्मकथा
(ङ) निम्नलिखित में से ललित निबन्धकार हैं: 1
(A) रामचन्द्र शुक्ल
(B) सरदार पूर्ण सिंह
(C) कुबेरनाथ राय
(D) श्यामसुंदर दास
- (क) ‘प्रगतिशील लेखक संघ’ की स्थापना कब हुई? 1
(A) 1943 ई.
(B) 1936 ई.
(C) 1954 ई.
(D) 1963 ई.
(ख) महादेवी वर्मा की रचना है – 1
(A) धूप के धान
(B) पल्लव
(C) सांध्यगीत
(D) उर्वशी
(ग) ‘अष्टछाप’ के कवि नहीं हैं – 1
(A) नन्ददास
(B) छीतस्वामी
(C) भिखारीदास
(D) सूरदास
(घ) ‘तार सप्तक’ के प्रवर्तक हैं – 1
(A) निराला
(B) दिनकर
(C) पन्त
(D) अज्ञेय
(ङ) सूफी काव्यधारा के कवि हैं- 1
(A) रसखान
(B) रहीम
(C) जायसी
(D) नानक
- दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5×2=10
मातृभूमि पर निवास करने वाले मनुष्य राष्ट्र का दूसरा अंग हैं। पृथ्वी हो और मनुष्य न हों, तो राष्ट्र की कल्पना असंभव है। पृथ्वी और जन दोनों के सम्मिलन से ही राष्ट्र का स्वरूप संपादित होता है । जन के कारण ही पृथ्वी मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती है। पृथ्वी माता है और जन सच्चे अर्थों में पृथ्वी का पुत्र है।
(i) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए ।
(ii) राष्ट्र की कल्पना कब असंभव है?
(iii) पृथ्वी और जन दोनों मिलकर क्या करते हैं?
(iv) पृथ्वी कब मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती है?
(v) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
अथवा
नये शब्द, नये मुहावरे एवं नयी रीतियों के प्रयोगों से युक्त भाषा को व्यावहारिकता प्रदान करना ही भाषा में आधुनिकता लाना है। दूसरे शब्दों में केवल आधुनिक युगीन विचारधाराओं के अनुरूप नये शब्दों के गढ़ने मात्र से ही भाषा का विकास नहीं होता, वरन् नये पारिभाषिक शब्दों एवं नूतन शैली प्रणालियों को व्यवहार में लाना ही भाषा को आधुनिकता प्रदान करना है।
(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) भाषा में आधुनिकता कैसे लायी जा सकती है?
(iv) किसके गढ़ने मात्र से भाषा का विकास नहीं होता है?
(v) इस गद्यांश के माध्यम से लेखक ने किन बिन्दुओं पर प्रकाश डाला है?
- दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5×2=10
तुम मांसहीन, तुम रक्तहीन
हे अस्थिशेष ! तुम अस्थिहीन,
तुम शुद्ध बुद्ध आत्मा केवल,
हे चिर पुराण ! हे चिर नवीन !
तुम पूर्ण इकाई जीवन की
जिसमें असार भव-शून्य लीन,
आधार अमर, होगी जिस पर
भावी की संस्कृति समासीन ।
(i) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) प्रस्तुत पद्यांश में कवि का आशय क्या है?
(iv) कौन अस्थियों का ढाँचा प्रतीत होता है?
(v) गांधीजी का जीवन किसका आधार है?
अथवा
समर्पण लो सेवा का सार
सजल संसृति का यह पतवार;
आज से यह जीवन उत्सर्ग
इसी पदतल में विगत विकार ।
बनो संसृति के मूल रहस्य
तुम्हीं से फैलेगी वह बेल;
विश्वभर सौरभ से भर जाय
सुमन के खेलो सुन्दर खेल ।
(i) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) यह किन दो पात्रों का संवाद है?
(iv) सृष्टि का क्रम कैसे बढ़ेगा?
(v) ‘सजल संसृति’ का क्या अर्थ है?
- (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उसकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए : (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द) 3+2=5
(i) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(ii) पं. दीनदयाल उपाध्याय
(iii) वासुदेवशरण अग्रवाल
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द) 3+2=5
(i) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(ii) जयशंकर प्रसाद
(iii) सच्चिदानन्द हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय
- ‘खून का रिश्ता’ अथवा ‘पंचलाइट’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए । 5 (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द)
अथवा ‘बहादुर’ अथवा ‘लाटी’ कहानी के कथानक पर प्रकाश काश डालिए। (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द)
- स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए: 5 (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द)
(i) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की कथावस्तु लिखिए ।
अथवा ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर गांधीजी का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(ii) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
अथवा ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य की कथावस्तु को संक्षेप में लिखिए ।
(iii) ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के नायक की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
अथवा ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य की कथावस्तु को अपने शब्दों में वर्णित कीजिए ।
(iv) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर राज्यश्री का चरित्र चित्रण कीजिए।
अथवा ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग का कथानक लिखिए ।
(v) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर दशरथ का चरित्रांकन कीजिए ।
अथवा ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के ‘संदेश सर्ग’ की कथावस्तु संक्षेप में वर्णित कीजिए ।
(vi) सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए ।
अथवा ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर द्रौपदी का चरित्र चित्रण कीजिए ।
खण्ड – ख
- (क) दिये गये संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए: 2+5=7
अथैकः शकुनिः सर्वेषां मध्यादाशयग्रहणार्थ त्रिकृत्वः अश्रावयत् । ततः एकः काकः उत्थाय ‘तिष्ठ तावत्, अस्य एतस्मिन् राज्याभिषेककाले एवं रूपं मुखं, क्रुद्धस्य च कीदृशं भविष्यति ? अनेन हि क्रुद्धेन अवलोकिताः वयं तप्तकटाहे प्रक्षिप्तास्तिलाः इव तत्र घङ्ख्यामः । ईदृशो राजां मह्यं न रोचते’ इत्याह ।
अथवा
याज्ञवलक्य उवाच – न वा अरे मैत्रेयि! पत्त्युः कामाय पतिः प्रियो भवति । आत्मनस्तु वै कामाय पतिः प्रियो भवति । न वा अरे, जायायाः कामाय जाया प्रिया भवति, आत्मनस्तु वै जाया प्रिया भवति । न वा अरे, पुत्रस्य वित्तस्य च कामाय पुत्रे वित्तं चा प्रियं भवति, आत्मनस्तु वै कामाया पुत्रो वित्तं वा प्रियं भवति । न वा अरे, सर्वस्य कामाय सर्वं प्रियं भवति, आत्मनस्तु वै कामाय सर्वं प्रियं भवति ।
(ख) दिये गये श्लोकों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए: 2+5=7
सहसा विदधीत न क्रियांविवेकः परमापदां पदम् ।
वृणुते हि विमृश्यकारिणं गुणलुब्धाः हि स्वयमेव सम्पदः ।।
अथवा
बज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि
लोकोत्तराणां चेतांसि को न विज्ञातुमर्हति ।।
- निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:2
(i) हवा में तलवार चलाना
(ii) अपने मुँह मियाँ मिडू बनना
(iii) मिट्टी में मिलाना
(iv) नौ दो ग्यारह होना
- (क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ का चयन करके लिखिए:
(i) अविराम – अभिराम 1
(A) लगातार और रुचिकर
(B) बिना रुके और सुंदर
(C) अनवरत और कठिन
(D) गतिशील और सुगम
(ii) विहग – विहंग 1
(A) पक्षी और बालक
(B) पक्षी और तोता
(C) पक्षी और आकाश
(D) आकाश और पक्षी
(ख) निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए: 1+1=2
(i) पूत (ii) कनक (iii) अम्बर (iv) जलद
(ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक सही शब्द का चयन करके लिखिए:
(i) बिना वेतन लिए काम करने वाला- 1
(A) सवैतनिक
(B) अवैतनिक
(C) वेतनमुक्त
(D) सेवानिवृत्त
(ii) प्रिय बोलने वाली – 1
(A) प्रिया
(B) प्रियाशा
(C) प्रियंवदा
(D) प्रीति
(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए: 1+1=2
(i) शिवानी एक विद्वान् लेखिका थीं।
(ii) सीता घर जाता है।
(ii) पुस्तक मेज में रखी है।
(iv) गोष्ठी में अनेकों विद्वानों के भाषण हुए।
- अपठित गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
आचरण का विकास जीवन का परमोद्देश्य है। आचरण के विकास के लिए नाना प्रकार की सामग्रियों का, जो संसार सम्भूत शारीरिक, प्राकृतिक, मानसिक और आध्यात्मिक जीवन में वर्तमान हैं, उन सबका आचरण के विकास के साधनों के संबंध में विचार करना होगा। आचरण के विकास के लिए जितने कर्म हैं, उन सबको आचरण के संघटनकर्ता धर्म के अंग मानना पड़ेगा। चाहे कोई कितना ही बड़ा महात्मा क्यों न हो, वह निश्चयपूर्वक यह नहीं कह सकता कि यों ही करो, और किसी तरह नहीं। आचरण की सभ्यता की प्राप्ति के लिए वह सबको एक पथ नहीं बता सकता ।
(क) जीवन का परम उद्देश्य क्या है? 1
(ख) आचरण के विकास के संबंध में क्या विचार आवश्यक है? 2
(ग) ‘आध्यात्मिक’ और ‘संघटनकर्त्ता’ शब्दों का अर्थ स्पष्ट कीजिए । 2
अथवा
कर्म में आनन्द अनुभव करने वालों का नाम ही कर्मण्य है। धर्म और उदारता उच्च कर्मों के विधान में ही एक ऐसा दिव्य आनन्द भरा रहता है कि कर्त्ता को वे ही फलस्वरूप लगते हैं। अत्याचार का दमन और क्लेश का शमन करते हुए चित्त में जो उल्लास और तुष्टि होती है, वही लोकोपकारी कर्मवीर का सच्चा सुख है।
(क) कर्मण्य किन्हें कहा जाता है? 1
(ख) किस विधान में दिव्य आनंद भरा रहता है? 2
(ग) ‘लोकोपकारी कर्मवीर’ का आशय स्पष्ट कीजिए। कीजिए । 2
- (क) हास्य रस’ अथवा ‘वीर रस’ का स्थायी भाव के साथ उदाहरण अथवा परिभाषा लिखिए । 1+1=2
(ख) ‘श्लेष’ अथवा ‘उत्प्रेक्षा’ अलंकार का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए । 1+1=2
(ग) ‘सोरठा’ अथवा ‘चौपाई’ छन्द का लक्षण तथा उदाहरण लिखिए । 1+1=2
- अपने नगर में संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के संबंध में स्थानीय निकाय के अधिकारी को एक पत्र लिखिए । 6
अथवा
स्व-रोजगार प्रारम्भ करने हेतु ऋण-प्राप्ति के लिए निकटस्थ बैंक के शाखा प्रबन्धक को एक आवेदन-पत्र लिखिए ।
- निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए: 9
(i) वृक्षारोपण एवं वन संरक्षण
(ii) महिला सशक्तीकरण
(iii) आधुनिक जीवन की विसंगतियाँ
(iv) काकोरी एक्शन डे का महत्त्व
(v) गोस्वामी तुलसीदास
Download All 8 Set of Hindi Paper 2025
1- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HH) 2025
2- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HI) 2025
3- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HJ) 2025
4- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HK) 2025
5- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HL) 2025
6- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HM)2025
7- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302 (HN) 2025
8- UP BOARD CLASS 12 Hindi 302(KS) 2025 PRAYAGRAJ