UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, General Hindi @upmsp.edu.in –[Set-5 – 302 (HL)] PDF Download

UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, General Hindi @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download.

12th Hindi Samanya and Sahityik Hindi. UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi and General Hindi For New Model Paper Pattern @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download. Board Exam 2025.  UP Board Class 12 General Hindi Previous Year Question Paper 2025 Download PDF [Set-5 – 302 (HL)] 7 SET – यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25.

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इस पोस्ट में आपको मिलेंगे 2025 के पुराने “समान हिन्दी” के बेहतरीन मॉडल पेपर, जो आपकी यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 की तैयारी को नई ऊँचाई देंगे। ये मॉडल पेपर न सिर्फ़ आपके परीक्षा पैटर्न को समझने में मदद करेंगे, बल्कि बार-बार आने वाले अहम सवालों की पकड़ मज़बूत कर आपकी सफलता के रास्ते को आसान बनाएँगे।

अनुक्रमांक

नाम                                                                                 मुद्रित पृष्ठों की संख्या: 9

102                                                                                        302(HL)

                                                     2025

                                             सामान्य हिन्दी

समय : तीन घण्टे 15 मिनट                                                           पूर्णांक : 100

नोट: (i)     प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

(ii)    इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

(खण्ड-क)

क) ‘पुनर्नवा’ उपन्यास के लेखक हैं                                                      1

i) महावीर प्रसाद द्विवेदी                           ii) हजारीप्रसाद द्विवेदी

iii) वासुदेवशरण अग्रवाल                         iv) रामवृक्ष बेनीपुरी

ख)    ‘महके आँगन चहके द्वार’ के लेखक हैं                                              1

i) रामवृक्ष बेनीपुरी                                    ii) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’

iii) अमृतलाल नागर                                iv) हरिशंकर परसाई

ग)     ‘संस्कृति के चार अध्याय’ के लेखक हैं                                             1

i) रघुवीर सिंह                                ii) डॉ० श्यामसुन्दर दास

iii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’                         iv) हजारीप्रसाद द्विवेदी

घ)     मुंशी प्रेमचन्द द्वारा सम्पादित पत्र है                                                  1

i) ‘हंस’                                               ii) ‘मर्यादा’

iii) ‘कर्मवीर’                                           iv) ‘धर्मयुग’

ङ)     निम्नलिखित में से कौन-सी रचना ‘अज्ञेय’ का यात्रा-वृत्तान्त है ?             1

i) ‘स्मृतिलेखा’                                     ii) ‘एक बूँद सहसा उछली’

iii) ‘आँगन के पार द्वार’                              iv) ‘अपने अपने अजनबी’

  1. क) ‘चिदम्बरा’ कृति किस रचनाकार की है?                                            1

i) जयशंकर प्रसाद                           ii) सुमित्रानंदन पंत

iii) महादेवी वर्मा                                     iv) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

ख)    ‘कामायनी’ महाकाव्य किस काल की कृति है                                     1

i) आदिकाल युग                              ( ii) भक्तिकाल युग

iii) रीतिकाल युग                                    iv) छायावाद युग

ग)     ‘तीसरा सप्तक’ का प्रकाशन वर्ष है                                                    1

i) सन् 1947                              ii) सन् 19550

iii) सन् 1959                                         iv) सन् 1954

घ)’ ‘  रामधारी सिंह दिनकर’ को काव्य कृति ‘उर्वशी’ पर कौन सा पुरस्कार प्राप्त हुआ था?                     1

i) ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार                    ii) ‘मंगला प्रसाद पुरस्कार’

iii)’ ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’                              iv) सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार

ङ)     ‘राम की शक्ति पूजा’ कृति के रचनाकार हैं                                          1

i) सुमित्रानंदन पंत                                 ii) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

iii) जयशंकर प्रसाद                                  iv) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

  1. दिये गये गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5 ×2 = 10

भाषा की साधारण इकाई शब्द है, शब्द के अभाव में भाषा का अस्तित्व ही दुरुह है। यदि भाषा में विकसनशीलता शुरू होती है तो शब्दों के स्तर पर ही । दैनंदिन सामाजिक व्यवहारों में हम कई ऐसे नवीन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जो अंग्रेजी, अरबी, फारसी आदि विदेशी भाषाओं से उधार लिए गए हैं। वैसे ही नये शब्दों का गठन भी अनजाने में अनायास ही होता है। ये शब्द अर्थात् उन विदेशी भाषाओं से सीधे अविकृत ढंग से उधार लिए गए शब्द भले ही कामचलाऊ माध्यम से प्रयुक्त हों, साहित्यिक दायरे में कदापि ग्रहणीय नहीं । यदि ग्रहण करना पड़े तो उन्हें भाषा की मूल प्रकृति के अनुरूप साहित्यिक शुद्धता प्रदान करनी पड़ती है। यहाँ प्रयत्न की आवश्यकता प्रतीत होती है ।

i) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए ।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

iii)    भाषा की साधारण इकाई क्या है?

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iv) दैनिक व्यवहार में हम किन शब्दों का प्रयोग करते हैं?

v) ‘दैनंदिन’ और ‘अविकृत’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।

अथवा

कहते हैं दुनियाँ बड़ी भुलक्कड़ है। केवल उतना ही याद रखती है, जितने से उसका स्वार्थ सधता है। बाकी को फेंककर आगे बढ़ जाती है। शायद अशोक से उसका स्वार्थ नहीं सधा। क्यों उसे वह याद रखती ? सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है। अशोक का वृक्ष जितना भी मनोहर हो, जितना भी रहस्यमय हो, जितना भी अलंकारमय हो, परन्तु है वह उस विशाल सामंत सभ्यता की परिष्कृत रुचि का ही प्रतीक, जो साधारण प्रजा के परिश्रमों पर पली थी उसके रक्त के संसार कणों को खाकर बड़ी हुई थी और लाखों-करोड़ों की उपेक्षा से जो समृद्ध हुई थी । वे सामंत उखड़ गये, समाज ढह गये और मदनोत्सव की धूम-धाम भी मिट गई ।

i) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक एवं लेखक के नाम लिखिए ।

ii) लेखक ने दुनिया को भुलक्कड़ क्यों कहा है?

iii)    अशोक वृक्ष किसकी परिष्कृत रुचि का प्रतीक है?

iv) लेखक ने किस प्रकार के लोगों को स्वार्थी कहा है?

v) ‘परिष्कृत’ और ‘मदनोत्सव’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।

4.दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5 ×2 = 10

यह मनुज ब्रह्मांड का सबसे सुरम्य प्रकाश

कुछ छिपा सकते न जिससे भूमि या आकाश।

यह मनुज जिसकी शिखा उद्दाम

कर रहे जिसको चराचर भक्तियुक्त प्रणाम

यह मनुज जो सृष्टि का श्रृंगार

ज्ञान का विज्ञान का आलोक का आगार

व्योम से पाताल तक सब कुछ इसे है ज्ञेय

पर यह न परिचय मनुज का यह न उसका श्रेय ।

i) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए ।

ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

iii) आकाश और पृथ्वी का कोई भी तत्व किससे अज्ञात नहीं रह सका?

iv) संसार के सभी जड़ चेतन पदार्थ किस कारण मनुष्य को प्रणाम करते हैं?

v) ‘उद्देोस’ और ‘ओलीक’ शब्दों के अर्थ लिखिए-

अथवा

छायाएँ मानव जन की,

नहीं मिटीं लम्बी हो हो कर

मानव ही सब भाप हो गये

छायायें तो. अभी लिखी हैं

झुलसे हुए पत्थरों पर

उजड़ी सड़कों की गच पर

मानव का रचा हुआ सूरज

मानव को भाप बनाकर सोख गया

पत्थर पर लिखी हुई यह

जली हुई छाया

मानव की साखी है

i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए ।

ii) प्रमस्तुत कविता में किस घटना का संकेत है के स्पष्ट कीजिए ।

iii)    ‘मानव का रचा हुआ सूरज’ किसे कहा गया

iv) मानव जन की छायायें लम्बी हो हो कर क्यों नहीं मिटीं?

(v)    ‘गच’ और ‘साखी’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।

5. (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए: ( अधिकतम शब्द सीमा  80 शब्द)          3+2=5

i) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

ii) मासुदेवशरण अग्रवाल

iii) डॉ० ए० पी०जे० अब्दुल कलाम ।

(ख)   निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख कृतियों को लिखें: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)                           3+2=5

i) महादेवी वर्मा

ii) रागधारी सिंह ‘दिनकर’

iii) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

  1. ‘पंचलाइट’ अथवा ‘लाटी’ कहानी का उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।                              5 (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

अथवा ‘बहादुर’ कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए । (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)

  1. स्वपठित्त खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दें।          5  (अधिकत्तम शब्द सीमा 80 शब्द)

i) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दशरथ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

अथवा ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग की कथा) संक्षेप में लिखिए ।

ii) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य का कथानक संक्षिप्त रूप से अपने शब्दों में लिखिए ।

अथवा, ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कर्ण’ की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए ।

iii)    ‘मुक्तियज्ञ’ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए ।

अथवा  ‘मुक्तियज्ञ’ के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।

iv) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘राज्यश्री’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।

अथवा ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य की कथा का सारांश लिखिए ।

v) ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

अथवा  ‘आलोकवृत्त’ खण्डकाव्य के आधार पर असहयोग आन्दोलन की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए ।

vi) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य ‘की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए ।

अथवा ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दुःशासन’ का चरित्र चित्रण कीजिए ।

(खण्ड-ख)

  1. (क) दिये गये संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिये:     2+5=7

याज्ञवल्क्यो मैत्रेयीमुवाच मैत्रेयि ! उद्यास्यन् अहम् अस्मात् स्थानादस्मि । ततस्ते अनया कात्यायन्या विच्छेदं करवाणि इति । मैत्रेयी उवाच-यदीयं सर्वाः पृथ्वी वित्तेन पूर्णा स्यात्, तत् किं तेनाहममृता स्यामिति । याज्ञवल्क्य उवाच-नेति । यथैवोपकरणवतां जीवनं तथैव ते जीवनं स्यात् । अमृतत्वस्य तु ना शास्ति वित्तेन इति । सा मैत्रेयी उवाचं-येनाहं नामृता स्याम् क़िमहं तेन कुर्याम् । यदेव भगवान केवलममृत्वसाधनं जानाति तदेव मे ब्रूहि । याज्ञवल्क्य उवाच-प्रिया नः सती त्वं प्रियं भाषसे । एहि उपविश व्याख्यास्यामिते अमृत तत्वसाधनम् ।

अथवा

हिन्दी संस्कृताल भाषासु अस्य समानः अधिकारः आसीत् । हिन्दी-हिन्दुहिन्दुस्थानानामुत्थानाय अयं निरन्तरं प्रयत्नमकरोत् । शिक्षयैव देशे समाजे व. नवीनः प्रकाशः उदेतिः अतः श्रीमालवीयः वाराणस्यां काशी हिन्दू विश्वविद्यालयस्य संस्थापनमकरोत् । अस्य निर्माणाय अयं जनान् धनम् अयाचत जनाश्च महत्यस्मिन् ज्ञानयज्ञे प्रभूतं धनमस्मै प्रायच्छन्, तेन निर्मितोऽयं विशालः विश्वविद्यालयः भारतीयानां दानशीलतायाः श्रीमालवीयस्य यशसः च प्रतिमूर्तिरिव विभाति ।

(ख)   दिये गये पद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए:          2+5=7

परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम् ।

वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ।

अथवा

विरलविरलाः स्थूलस्ताराः कलाविव सज्जनोः

मन इव मुनेः सर्वत्रैव प्रसन्नमभून्नभः

अपसरति च ध्वान्तं चित्तात्सतामिव दुर्जन

व्रजति च निशा क्षिप्रं लक्ष्मीरनुद्यमिनामिव ।।’

  1. निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए                             1+1=2

(i) दाँत खट्टे करना

(ii) दाल में काला होना

(iv) पौ बारह होना ।

(iii) नाकों चने चबाना

  1. अपठित गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

संस्कृत में एक कहावत है कि दुर्जन दूसरों के राई के समान मामूली दोषों को पहाड़ के समान बड़ा बनाकर देखता है और अपने पहाड़ के समान बड़े पापों को देखते हुए भी नहीं देखता सज्जन या महात्मा ठीक इसके विपरीत होते हैं। उनका ध्यान दूसरों के बजाय केवल अपने दोषों पर जाता है। अधिकांश व्यक्तियों में कोई न कोई बुराई अवश्य होती है। कोई भी बुराई न होने पर व्यक्ति देवता की कोटि में आ जाता है। मनुष्य को अपनी ‘बुराइयों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए, न कि दूसरों की कमियों को लेकर छीटाकशी करने या टीका-टिप्पणी करने का । अपने मन की परख मन को पवित्र करने का सर्वोत्तम साधन है (आत्मनिरीक्षण आत्मोन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। अपनी भूलों पर ध्यान देना या उन्हें स्वीकार करना आत्मबल का चिह्न है। जो लोग दूसरों के सामने अपनी भूल नहीं मानते, वे सबसे बड़े कायर हैं। जिनका अन्तःकरण शीशे के समान उज्ज्वल है उसे तुरन्त अपनी भूल महसूस हो जाती है। मन तो दर्पण है, सेज में पाप है, तो जग में पाप दिखाई देता है। पवित्र आचरण वाले मन को देखते हैं तो उन्हें लगता है अभी मुझमें कोई कमी शेष है यही उनकी नम्रता एवं साधना है ।

(i)     सज्जन या महात्माओं का आचरण कैसा होता है?                                      2

(ii)    कौन से व्यक्ति देवता की कोटि में आते हैं                                                  2

(iii) आत्मोन्नति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग क्या है?                                                       1

अथवा

बहुत-से विद्वानों ने तथा चिन्तकों ने इस बात को लेकर चिन्ता प्रकट की है, कि भारतीय समाज आधुनिकता बहुत दूर है। तथा भारतीय अपने आपको आधुनिक बनाने का प्रयत्न भी नहीं कर रहे हैं। नैतिकता, सौन्दर्य और अध्यात्म के समान आधुनिकता कोई शाश्वत मूल्य नहीं है। वह कई चीजों का एक सम्मिलित नाम है औद्योगीकरण आधुनिकता की पहचान है। साक्षरताका सर्वव्यापी प्रसार आधुनिकता की सूचना देता है। न सभ्यता का प्राधान्य आधुनिकता का गुण है। सीधी सादी अर्थव्यवस्था मध्यकालीनता का लक्षण है। आधुनिक देश वह है, जिसकी अर्थव्यवस्था जटिल और प्रसरणशील हो, और जो टेक ऑफ की स्थिति को कर चुकी हो । आधुनिक समाज मुक्त और मध्यकालीन समाज बंद होता है, वह समाज से प्रभाव ग्रहण नह करता, और अपने सदस्यों को भी धन या संस्कृति की दीर्घा में ऊपर उठने की खुली छूट नहीं देता । जातिप्रथा और गोत्रवाद से पीड़ित है तथा अंधविश्वासी गतानुगतिक एवं संकीर्ण है। आधुनिक समाज में उन्मुक्तत होती है वह सामरिक दृष्टि से भी बलवान होता है। जो देश अपनी रक्षा के लिये भी लड़ने में असमर्थ है, उस आधुनिक कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।

(i) आधुनिकता की पहचान लेखक के अनुसार किन-किन तथ्यों से मिलकर होती है? 2

(ii) आधुनिक समाज को मुक्त कहने का क्या अभिप्राय है?                                   2

(iii) कौन समाज जातिप्रथा और गोत्रवाद से पीड़ित है?                                       1

  1. (क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ चयन करेके लिखिए:

(i) पुरुष-परुष                                                                                             1

(अ) पुरु नामक राजा और क्रोध

(स) व्यक्ति और असत्य वचन

ब) आदमी और कठोर

(द) पुरुषार्थ और कठोरता

(ii) तरंग-तुरंग                                                                                             1

(अ) मन की लहर और शीघ्र

(ब) लहर और घोड़ा

(स) हाथी और घोड़ा

(द) तेज आवाज और धीमी आवाज

(ख)   निम्नलिखत शब्दों में से किसी एक शब्द के दो सही अर्थ लिखिए:         1+1=2

(i) अनन्त            (ii) अक्षर            (iii) अक्षत           (iv) अक्ष ।

(ग)    निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक सही शब्द का चयन करके लिखिए:

(i) जिसके पास कुछ न हो –                                                                   1

(अ) निर्धन                            (ब) गरीब

(स) अकिंचन                         (द) अनाथ

(ii) जो कहा न जा सके                                                                         1

(अ) अनुकथन                        (ब) अनकहा

(स) अकथनीय                       (द) न कहने योग्य

(घ)    निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:                 1+1=2

(i) मैं सकुशलपूर्वक हूँ।

(ii) पाँच रेलवे के कर्मचारी पकड़े गये ।

(iii) उसका प्राण निकलने वाला है।

(iv) आप प्रातःकाल के समय आइएगा ।

  1. (क) ‘वीर’ रस अथवा ‘करुण’ रस का स्थायीभाव लिखकर उदाहरण दीजिए । 2

(ख)   ‘उपमा’ अलंकार अथवा ‘रूपक’ अलंकार का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए ।     2

(ग)    ‘चौपाई’ छन्द अथवा ‘कुण्डलिया’ छन्द का लक्षण तथा उदाहरण लिखिए ।     2

  1. बैंक में खाता खोलने के लिए बैंक प्रबंधक को प्रार्थर्नापत्र लिखिए ।          2+4=6

अथवा

अपने मुहल्ले की नालियों की समुचित सफाई के लिये नगरपालिका के अध्यक्ष को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए ।

  1. निम्नलिखित्त विषयों में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए: 9

(i) मेरा प्रिय खेल

(ii) नयी शिक्षा नीति की विशेषताएँ

(iii) महिला सशक्तीकरण का समाज के विकास में प्रभाव

(iv) आतंकवाद की समस्या और समाधान

(v) विद्यालय में पुस्तकालय का महत्व ।