UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download.
12th Hindi Samanya and Sahityik Hindi. UP Board Class 12 Previous year Old Question Paper 2025, Hindi and General Hindi For New Model Paper Pattern @upmsp.edu.in – (All SET) PDF Download. Board Exam 2025. UP Board Class 12 Sahityik Hindi Previous Year Question Paper 2025 Download PDF [Set-5 – 301 (HE) 7 SET – यूपी बोर्ड कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25.
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इस पोस्ट में आपको मिलेंगे 2025 के पुराने “ साहित्यिक हिन्दी” के बेहतरीन मॉडल पेपर, जो आपकी यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 की तैयारी को नई ऊँचाई देंगे। ये मॉडल पेपर न सिर्फ़ आपके परीक्षा पैटर्न को समझने में मदद करेंगे, बल्कि बार-बार आने वाले अहम सवालों की पकड़ मज़बूत कर आपकी सफलता के रास्ते को आसान बनाएँगे।
101 301(HE)
2025
हिन्दी
समय : तीन घण्टे 15 मिनट पूर्णांक : 100
नोट :
(i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
(ii) इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
खण्ड – क
- (क) ‘वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति’ के लेखक हैं 1
(i) बालकृष्ण भट्ट (ii) रामनरेश मिश्र
(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (iv) बदरी नारायण ‘प्रेमघन ।
(ख) ‘तिब्बत यात्रा’ किस विधा की रचना है? 1
(i) ‘संस्मरण’. (ii) ‘रेखाचित्र’
(iii) ‘यात्रावृत्त’ (iv) ‘आत्मक
(ग) हजारीप्रसाद द्विवेदी की रचना है 1
(i) ‘नदी के द्वीप’ (ii) ‘मैला आँचल’
(iii) ‘त्यागपत्र’ (iv) ‘पुनर्नवा’ ।
(घ) ‘लवंगलता’ के लेखक हैं 1
(i) बालकृष्ण भट्ट (ii) किशोरीलाल गोस्वामी
(iii) अमृतलाल नागर (iv) भगवतीचरण वर्मा ।
(ङ) राहुल सांकृत्यायन की रचना है 1
(i) अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा (ii) काठ का सपना
(iii) संयोगिता स्वयंवर (iv) मुक्ति पथ ।
- (क) ‘जयचन्द प्रकाश’ के रचनाकार हैं 1
(i) चन्दबरदाई (ii) नरपति नाल्छ
(iii) भट्ट केदार (iv) विद्यापति ।
(ख) भक्तिकाल का महाकाव्य है 1
(i) ‘पृथ्वीराज रासो’ (ii) ‘पद्मावत’
(iii) ‘साकेत’ (iv) ‘कामायनी’ ।
(ग) ‘एकान्तवासी योगी’ के रचनाकार हैं 1
(i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (ii) बालमुकुन्द
(iii) श्रीधर पाठक (iv) मैथिलीशरण गुप्त ।
(घ) प्रयोगवाद की विशेषता नहीं है 1
(i) अति बौद्धिकता (ii) युद्धों का सजीव चित्रण
(iii) उपमानों और प्रतीकों में नवीनता (iv) व्यक्तिवाद की प्रतिष्ठा ।
(ङ) ‘वेदना की प्रतिमूर्ति’ की कवयित्री हैं 1
(i) महादेवी वर्मा (ii) मैत्रेयी पुष्पा
(iii) सुभद्राकुमारी चौहान (iv) सुमन राजे ।
- निम्नलिखित गद्यखण्ड पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 2+2+2+2+2=10
भूमि के पार्थिव स्वरूप के प्रति हम जितने अधिक जाग्रत होंगे उतनी ही हमारी होना हमारा आवश्यक कर्त्तव्य है।भूमि का निर्माण देवों ने किया है, वह अनंत काल से है। उसके भौतिक रूप, सौन्दर्य और समृद्धि के प्रति सचेत राष्ट्रीयता बलवती हो सकेगी। यह पृथ्वी सच्चे अर्थों में समस्त राष्ट्रीय विचारधाराओं की जननी है । जो राष्ट्रीयत भावों का अंकुर पल्लवित होगा। इसलिए पृथ्वी के भौतिक स्वरूप की आद्योपान्त जानकारी प्राप्त करना, उसकी पृथ्वी के साथ नहीं जुड़ी वह निर्मूल होती है। राष्ट्रीयता की जड़ें पृथ्वी के साथ जितनी गहरी होंगी उतना ही राष्ट्रीय
सुन्दरता, उपयोगिता और महिमा को पहचानना आवश्यक धर्म है।
(i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ एवं लेखक के नाम लिखिए ।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(iii) ‘भूमि’ के प्रति हमारा आवश्यक कर्त्तव्य क्या है
(iv) ‘पृथ्वी’ के किन भावों को पहचानना व्यक्ति का आवश्यक धर्म है?
(v) ‘पार्थिव’ और ‘आद्योपान्त’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।
अथवा Download Link
अर्थ हमारा स्वार्थ बन जायेगा, पुरुषार्थ वह नहीं कहलायेगा, अगर भाग्य के परमार्थ से उसे हम नहीं जोड़ सकेंगे । उस व्यर्थ के जो चक्र में हैं, वे भाग्योदय की प्रतीक्षा में रहे चले जा सकते हैं, क्योंकि जिसके उदय की वे राह
देखते हैं, वह तो उदित है ही, केवल उनकी पीठ उस तरफ है। इसलिए उन्हें मालूम नहीं है कि जिसको वे सामने देख रहे हैं, वह भी उसी के प्रकाश से प्रकाशित है- और कमनीय जान पड़ रहा है। इच्छाएँ नाना हैं और नाना विधि हैं और वे उसे प्रवृत्त रखती हैं। उस प्रवृत्ति से वह से वह रह-रहकर थक जाता है और निवृत्ति चाहता है।
(i) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक के नाम लिखिए ।
(ii) पुरुषार्थ लेखक किसे कहता है?
(iii) भाग्योदय की प्रतीक्षा में कौन चलते रहते हैं?
(iv) कौन कमनीय और प्रकाशित है?
(v) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
- निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 2+2+2+2+2=10
जिसे तुम समझे हो अभिशाप,
जगत की ज्वालाओं का मूल ।
ईश का वह रहस्य वरदान,
कभी मत इसको जाओ भूल ।
(i) प्रस्तुत पद्यांश के कविता का शीर्षक और कवि के नाम लिखिए ।
(ii) कवि अभिशाप किसे कहता है?
(iii) ज्वालाओं का मूल क्या है?
(iv) ईश का कैसा वरदान है?
(v) कवि किसे न भूलने की बात करता है?
अथवा
उर के चरखे में कात सूक्ष्म
युग-युग का विषय-जनित विषाद,
गुंजित कर दिया गगन जग का
भर तुमने आत्मा का निनाद ।
रंग-रंग खद्दर के सूत्रों में
नवजीवन आशा स्पृहाल्हाद ।।
(i) प्रस्तुत पद्यांश के कविता का शीर्षक एवं किवि के नाम लिखिए ।
(ii) उर के चरखे से कवि क्या कातने को कह रहा है?
(iii) ‘युग-युग का विषय जनित विषाद’ का आशय स्पष्ट कीजिए ।
(iv) गगन जग में क्या गुंजित कर दिया?
(v) खद्दर के सूत्रों में क्या भर दिया?
- (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय देते हुए, उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए: 3+2=5
(i) वासुदेव शरण अग्रवाल
(ii) कन्हैया लाल मिश्र
(iii) दीनदयाल उपाध्याय ।
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए, उनकी साहित्यिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए : 3+2= 5
(i) मैथिलीशरण गुप्त
(ii) सुमित्रानंदन पंत
(iii) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ ।
- ‘कर्मनाशा की हार’ अथवा ‘लाटी’ कहानी की कहानी तत्त्वों के आधार पर समीक्षा कीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 5
अथवा
‘पंचलाइट’ कहानी के प्रमुख पात्र की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
- स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 5
(क) खण्डकाव्य की विशेषताओं के आधार पर रश्मिरथी’ खण्डकाव्य की समीक्षा कीजिए ।
अथवा ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर श्रीकृष्षा के चरित्र की विशेषताएँ बताइए ।
(ख)
अथवा ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पद्मयुधिष्ठिर के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए ।
(ग) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख कीजिए ।
अथवा ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के आधार पर खण्डकाव्य के प्रधान पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
(घ) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
अथवा ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर इसके नायक के चरित्र पर प्रकाश डालिए ।
(ङ) ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए ।
अथवा ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य के नायक की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए ।
(च) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनामा नासो का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
अथवा ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘दशुरेथ’ के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए ।
खण्ड – ख
(क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांश का संदर्भसहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए । 2+5=7
हंसराजः आत्मनः चित्तरुचितं स्वामिकम् आगत्य वृणुयात् इति दुहितरमादिदेश । सा शकुनिसद्धे अवलोकयन्ती मणिवर्णग्रीवं चित्रप्रेक्षणं मयूरं दृष्ट्वा ‘अयं मे स्वामिको भवतु’ इत्यभाषत् । मयूरः ‘अद्यापि ताघन्मे बलं न पश्यसि’ इति अतिगर्वेण लज्जाञ्च त्यक्त्त्वा तावन्महतः शकुनिसङ्घस्य मध्ये पक्षौ प्रसार्य नर्तितुमारब्धवान् नृत्यन् चाप्रतिच्छन्नोऽभूत् । सुवर्ण राजहंसः लज्जितः ‘अस्य नैव हीः अस्ति न बर्हाणां समुत्थाने लज्जा । नास्मै गतत्रपाय स्वदुहितरं दास्यामि’ इत्यकथयत् ।
अथवा
महामनस्विनः मदनमोहनमालवीयस्य जन्म प्रयागे प्रतिष्ठितपरिवारेऽभवत् । अस्य पिता पण्डितव्रजनाथमालवीयः संस्कृतस्य सम्ममृत्यः विद्वान् आसीत् । अयं प्रयागे एव संस्कृतपाठशालायां राजकीयविद्यालये म्योरसेण्ट्रल महाविद्यालये च शिक्षां प्राप्य अत्रैव राजकीय विद्यालये अध्यापनं आरब्धवांन् । युवकः मालवीयः स्वकीयेन प्रभावपूर्णभाषणेन जनानां मनांसि अमोहयत् । अतः अस्य सुहृदः तं प्राड्विवाकंपदवीं प्राप्य देशस्य श्रेष्ठतरां सेवां कर्तुं प्रेरितवन्तः । विशालः विश्वविद्यालयः भारतीयानां दानशीलतायाः श्रीमालवीयस्य यशसः च प्रतिमूर्तिरिव विभाति ।
(ख) निम्नलिखित श्लोकों का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए । 2+5=7
विरलविरलाः स्थूलास्ताराः कलाविव सज्जनाः
मन इव मुनेः सर्वत्रैव प्रसन्नमभून्नभः ।।
अपसरति च ध्वान्तं चित्तात्सतामिव दुर्जनः ।
व्रजति च निशा क्षिप्रं लक्ष्मीरनुद्यमिनामिव ।।
अथवा
परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम् ।
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ।।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए । 2+2=4
(क) प्राणिसेवा कस्य स्वभावः आसीत्?
(ख) सर्वधर्मप्रधानम् किम् धनम् अस्ति?
(ग) का भाषा देवभाषा इति नाम्ना प्रसिद्धाः?
(घ) के न्याय्यात् पथः न प्रविचलन्ति?
- (क) ‘हास्य’ अथवा ‘करुण’ की परिभाषा लिखकररीचिदाहरण दीजिए । 2
(ख) ‘भ्रान्तिमान’ अथवा ‘अतिशयोक्ति’ अलंकार की परिभाषा लिखकर उदाहरण दीजिए । 2
(ग) ‘बरवै’ अथवा ‘कुण्डालियां’ छन्द की परिभाषी लिखकर उदाहरण दीजिए। 2
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए । 2+7=9
(क) भारतीय किसानों की समस्यायें ।
(ख) व्यावसायिक शिक्षा के विविध आयाम ।
(ग) पर्यावरण प्रदूषण के कारक ।
(घ) जनसंख्या वृद्धि की भयावह स्थिति ।
(ङ) राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ।
- (क) (i) ‘उज्ज्वल’ का सन्धि विच्छेद है 1
(अ) उद् + ज्वल (ब) उत् + ज्वल
(स) उज् + ज्वल (द) ऊत + ज्वल ।
(ii) ‘सन्नद्धः’ का सन्धि विच्छेद होगा 1
(अ) सन् + धः (स) सन्नध + धः
(ब) सन्द+ धः (द) सत् + धः ।
(iii) ‘कः + चित्त्’ का सन्धि रूप होगा 1
(अ) कश्चित् (ब) कस्चित्
(स) केचित् (द) कुंचित ।
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द का विग्रह करके समास का नाम लिखिए: 2
(i) कृष्णसर्पः (ii) अनुरूपम् (iii) दामोदरः ।
- 1 (क) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द के धातु एवं प्रज्यय का योग स्पष्ट कीजिए: 1
(i) कवित्व (ii) कटुता (iii) गन्तव्य ।
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द में प्रत्यय लिखिए: 1
(i) गृहीत्वा (ii) कर्तव्य (iii) दर्शनीयः ।
(ग) रेखांकित पदों में से किसी एक पद में प्रयुक्त विभक्ति तथा तत्सम्बन्धी नियम का उल्लेख कीजिए: 1+1=2
(i) कृष्णं परितः गावः सन्ति ।
(ii) पादेन खञ्जा अस्ति ।
(iii) वृक्षात् फलानि पतन्ति ।
- असामाजिक तत्त्वों के प्रकोप से क्षेत्र में अशान्ति फैलने की आशंका को देखते हुए क्षेत्रीय पुलिस स्टेशन को प्रार्थना पत्र लिखिए । 2+6=8
अथवा
कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर अपने मित्र को बधाई देते हुए पत्र लिखिए ।