Class 10th Hindi model paper session 2023-2024 new updates for up board students for upcoming board exam in 2024
up board Hindi model paper- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड ने 2024 के लिए कक्षा 10वीं वालों के लिए जारी किया हिंदी का यह महत्वपूर्ण पेपर प्यारे बच्चों यहां पर हम आपको यूपी बोर्ड मॉडल पेपर 2024 विषय हिंदी का प्रदान कर रहे हैं बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर हम आपके यहां पर दे रहे हैं यदि आपके संपूर्ण पेपर का सॉल्यूशन चाहिए तो आप हमारे यूट्यूब चैनल ज्ञान सिंधु कोचिंग क्लासेस पर विकसित कर सकते हैं जिसकी लिंक आपको यहां पर दी जा रही है क्लिक हेयर
यूपी बोर्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष इंपॉर्टेंट मॉडल पेपर अपडेट किए जाते हैं वर्ष 2023 24 का सिलेबस भी यूपी बोर्ड ने अपडेट किया है इसलिए नवीन पैटर्न पर मॉडल पेपर आपको देखने को मिलेगा यूपी बोर्ड मॉडल पेपर में हुआ है बदलाव
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UP board examination 2024 Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad Prayagraj Ne class 10th Ke Liye Hindi ka model paper Jari kar diya hai UP Board UPMSP has been released question paper 2024 you can download in PDF format and read detail in bellow mention
Class 10th Hindi model paper session 2023-2024:
मॉडल प्रश्न-पत्र-2024, कक्षा-10, विषय-हिंदी
समय-3 घंटे 15 मिनट पूर्णांक-70
खण्ड-‘अ’ (बहुविकल्पीय प्रश्न)
- हिन्दी प्रदीप’ पत्रिका के सम्पादक थे :
- मुंशी प्रेमचन्द
- बालकृष्ण भट्ट
- जयशंकर प्रसाद
- प्रतापनारायण मिश्र
- त्याग पत्र’ के लेखक का नाम है :
- जैनेन्द्र कुमार
- जयशंकर प्रसाद
- मुंशी प्रेमचन्द
- अमृत लाल नागर
- मुंशी प्रेमचन्द ‘ की रचना है :
- बाणभट्ट की आत्मकथा
- नदी के द्वीप
- सेवा सदन
- गुनाहों का देवता
- रेखाचित्र ‘विधा के लेखक हैं:
- महादेवी वमां
- प्रेमचन्द
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- जयशंकर प्रसाद
- इनमें से एकांकीकार का नाम है :
- रामकुमार वर्मा
- प्रेमचन्द
- महादेवी वमां
- प्रताप नारायण मिश्र
- केदारनाथ अग्रवाल’ कवि हैं:
- प्रयोगवादी
- प्रगतिवादी
- छायावादी
- इनमें से कोई नहीं
- चिदम्बरा’ के रचयिता हैं:
- सुमित्रानन्दन पन्त
- जयशंकर प्रसाद
- निराला
- महादेवा वमां
- ‘नीरजा’ के रचयिता हैं:
- जयशंकर प्रसाद
- महादेवी वर्मा
- अज्ञेय
- सूरदास
- बिहारी कवि हैं:
- वीरगाया काल के
- रीतिकाल के
- भक्तिकाल के
- आधुनिक काल के
- ‘ शिव राजभूषण’ के रचयिता हैं:
- भूषण
- बिहारी
- देव
- केशवदास
- ‘शोक’ किस रस का स्थायी भाव है?
- श्रृंगार
- वीर
- करुण
- हास्य
- ‘वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन।’- पंक्ति में अलंकार है:
- उपमा
- रूपक
- उत्प्रेक्षा
- यमक
- नील सरोरूह स्याम, सरुन अरुनवारिज नयन। करउ सो मम उर धाम, सदा छीर सागर सयन।।” इस पद्य में छन्द है :
- सोरठा
- दोहा
- बरवै
- रोला
- ‘ सहयोग’ शब्द में उपसर्ग जुड़ा है:
- योग
- सहयोग
- साह
- सु
- ‘तद्’ शब्द का तृतीया बहुवचन का रूप है:
- तैः
- तेभ्य:
- ताभ्य:
- ताभ्याम्
- ‘ माता-पिता’ में समास है:
- द्वंद
- द्विगु
- अव्ययों भाव
- कर्मधारय
- ‘ चपला’ का पर्यायवाची शब्द है :
- इन्द्र
- बन्दर
- बिजली
- गंगा
- निषेधवाचक वाक्यों में किसका प्रयोग नहीं होता:
- मत
- परन्तु
- नहीं
- न
- वाच्य के द्वारा पता चलता है:
- कर्ता की प्रधानता का
- कर्म की प्रधानता का
- भाव की प्रधानता का
- कर्ता, कर्म और भाव की प्रधानता का
- हिन्दी में पदों की संख्या है:
- छह
- आठ
- चार
- सात
खण्ड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
- निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित दिए गए तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
यह एक नैतिक और आध्यात्मिक स्त्रोत है, जो अनन्त काल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्पूर्ण देश में बहता रहा है और कभी-कभी मूर्त रूप होकर हमारे सामने आता रहा है। यह हमारा सौभाग्य रहा है कि हमने ऐसे ही एक मूर्त रूप को अपने बीच चलते-फिरते, हँसते-रोते भी देखा है और जिसने अमरत्व की याद दिलाकर हमारी सूखी हड्डियों में नयी मज्जा डाल हमारे मृतप्राय शरीर में नये प्राण फूंके और मुरझाये हुए दिलों को फिर खिला दिया। वह अमरत्व सत्य और अहिंसा का है जो केवल इसी देश के लिए नहीं, आज मानव मात्र के लिए आवश्यक हो गया है। हम इस देश में प्रजातन्त्र की स्थापना कर चुके हैं, जिसका अर्थ है व्यक्ति की पूर्ण स्वतन्त्रता, जिसमें वह अपना पूरा विकास कर सके और साथ ही सामूहिक और सामाजिक एकता भी।
- उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
- रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
- ‘प्रजातन्त्र’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
अथवा
कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है। यह केवल नीति और सदृत्ति का ही नाश नहीं करता, बल्कि वृद्धि का भी क्षय करता है। किसी युवा पुरुष की संगति यदि बुरी होगी तो वह उसके पैरों में बँधी चक्की के समान होगी, जो उसे दिन-दिन अवनति के गड्ढे में गिराती जाएगी और यदि अच्छी होगी तो सहारा देने वाली बाहु के समान होगी जो उसे निरन्तर उन्नति की ओर उठाती जाएगी।
- उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
- रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
- कुसंग का मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- निम्नांकित पद्यांश पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
चरन कमल बन्दौं हरिराइ।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, अंधे को सब कुछ दरसाई।।
बहिरौ सुनै, गूंग पुनि बोलै, रंक चलै सिर छत्र धराइ।
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बन्दौ तिहिं पाइ।।
- उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
- पद्यांश के रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
- ‘चरन-कमल बन्दौ हरिराइ’ में कौन-सा अलंकार है?
अथवा
तुम तो, हे प्रिय बन्धु स्वर्ग-सी, सुखद, सकल विभवों की आकर।
धरा-शिरोमणि मातृ-भूमि में, धन्य हुए हो जीवन पाकर।।
तुम जिसका जल, अन्न ग्रहण कर, बड़े हुए लेकर जिसकी रज।
तन रहते कैसे तज दोगे, उसको, हे वीरों के वंशज।।
- उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
- रेखांकित अंश की व्याख्या कोजिए।
- वीरों के वंशज किसे कहा है?
- निम्नलिखित संस्कृत गद्यावतरणों में से किसी एक अवतरण का सन्दर्भ सहित हिन्दी अनुवाद कीजिए:
एकदा बहवः जनाः ध्यानम् आरुह्य नगरं प्रति गच्छन्ति स्म। तेषु केचित् ग्रामीणाः केचिच्च जारिकाः आसन्। मौनं स्थितेषु एकः नागरिकः ग्रामीण्णान् उपहसन् अर्कचयत् “ग्रामीणाः अद्यापि अशिक्षिताः आज्ञाश्च सन्ति। न तेषां विकासः अभवत् न च भवितुं शक्नोति । तस्य तादृशं अपनं श्रुत्वा कोऽपि चतुरः ग्रामीणः अब्रवोत, “भद्र नागरिक। भवान् एवं किञ्चित् ब्रवीतु, यतो हि न्यान् शिक्षितः बहुतश्च अस्ति।”
अथवा
बराणसी सुविख्याता प्राचीना नगरी। इयं विमलसलिलतरङ्गायाः गङ्गायाः फूले स्थिता। अस्याः एटानां वलयाकृतिः पंक्तिः चवलायां चन्द्रिकायां बहुराजते। अगणिताः पर्यटका सुदूरेभ्यः नित्यम् आयान्ति अस्याः षट्टानां च शोभा विलोक्य इमां बहुप्रशंसन्ति।
- निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए:
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग भवेत्।। अथवा
हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्ग जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्।
निराशीनिर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वरः॥
- अपने पठित खण्डकाव्य के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर लिखिए:
1.(i) ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के आधार पर गांधी जी का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(ii) ‘मुक्तिदूत’ खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग का कथानक अपने शब्दों में लिखिए।
2 (i) ज्योति-जवाहर खण्डकाव्य की कथावस्संतु क्षेप में लिखिए।
(ii) ‘ज्योति-जवाहर’ खण्डकाव्य के आधार पर जवाहरलाल नेहरू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
3 (i) ‘मेवाड़ मुकुट’ खण्डकाव्य के द्वितीय सर्ग ‘लक्ष्मी’ का सारांश लिखिए।
(ii) मेवाड़ मुकुट खण्डकाव्य के आधार पर दौलत का चरित्र चित्रण कीजिए।
4 (i) ‘अग्रपूजा’ खण्डकाव्य को कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
(ii) ‘अत्रपूजा’ खण्डकाव्य के आधार पर युधिष्ठिर का चरित्रांकन कीजिए।
5 (i) ‘जय सुभाष खण्डकाव्य के आधार पर नायक का चरित्र चित्रण कीजिए।
(ii) जय सुभाष खण्डकाव्य के प्रथम सर्ग का कचानक लिखिए।
6 (i) मातृभूमि के लिए खण्डकाव्य के ‘संकल्प’ सर्ग का स्तरांत लिखिए।
(ii) मातृभूमि के लिए’ खण्डकाव्य के आधार पर चन्द्रशेखर आजाद का चरित्र-चित्रण कीजिए।
7 (i) ‘कर्ण’ खण्डकाव्य के घृत-सभा में ‘द्रौपदी’ सर्ग का सारांश लिखिए।
(ii) कर्ण खण्डकाव्य के आधार पर श्रीकृष्ण का चरित्र-चित्रण कीजिए।
8 (i) कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के आधार पर कैकेयी का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(ii)’कर्मवीर भरत’ खण्डकाव्य के ‘आगमन’ सर्ग की कथावस्तु लिखिए।
9 (i)’तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर लक्ष्मण का चरित्र-चित्रण कीजिए।
(ii)’तुमुल’ खण्डकाव्य के ‘राम-मिलाप और सौमित्र का उपचार’ सर्ग की कथा संक्षेप में लिखिए।
26. (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय दीजिए एवं उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए :
- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल।
- डॉ० भगवतशरण उपाध्याय
(ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कवि का जीवन परिचय दीजिए तथा उनको किसी एक रचना का उल्लेख कीजिए:
- तुलसीदास
- सुमित्रानन्दन पन्त
- रामनरेश त्रिपाठी
27. अपनी पाठ्य-पुस्तक से कण्ठस्थ किया हुआ कोई एक श्लोक लिखिए, जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो।
28.अपने बड़े भाई को शादी में सम्मिलित होने के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
अथवा
लिपिक के रिक्त पद पर नियुक्ति हेतु सम्बन्धित विभागाध्यक्ष को सम्बोधितकरते हुए एक आवेदन पत्र लिखिए।
29. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए
- भारतीय संस्कृतेः मूलं किम् अस्ति?
- पुरुराजः कः आसीत्
- चन्द्रशेखरः कः आसीत्?
- वीर: केन पूज्यते ?
30. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए :
- मेरी प्रिय पुस्तक
- सूरदास
- पर्यावरण संरक्षण के उपाय
- आतंकवाद की समस्या
- नारी शिक्षा का प्रभाव।
Class 10th Hindi model paper session 2023-2024