UP Board Class-9 Hindi Model Paper 2025 PDF- कक्षा-9 हिन्दी मॉडल प्रश्नपत्र 2024-25- Hindi Exam Question Papers 2025 एकदम असली पेपर
Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad Exam Paper 2025 | |||
Board Name | UP Board [UPMSP] | Session | 2025 |
Class | 9th | Subject | Hindi |
Maximum Marks | 70 | Passing Marks | 33.33% |
Download PDF | Click Here | Practical | 30 Marks Internal Assesment |
UP Board Class 9 Hindi Model Paper 2025
Time | 3 hrs. 15 minutes | Paper | Only Paper (One Paper) |
Masimum Marks | 70 Marks | Internal Assesment | 30 Marks |
वार्षिक परीक्षा प्रतिदर्श प्रश्नपत्र : 2025 GH/90000
कक्षा: 9th
समय: 3:15 घण्टा विषय: हिन्दी पूर्णांक : 70
निर्देश: प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
नोटः (i) सभी प्रश्न अनिवार्य है।
(ii) प्रश्न-पत्र दो खण्डों में विभाजित हैं, खण्ड ‘अ‘ और खण्ड ‘ब‘।
(iii) खण्ड ‘अ‘ में 20 अंकों के 20 बहुविकल्पीय प्रश्न दिये गये हैं, जिन्हें O.M.R.
(आन्सर) शीट पर कांले पैन से चिन्ह द्वारा अंकित कीजिए।
(iv) खण्ड ‘ब‘ में 50 अंक के वर्णनात्मक प्रश्न दिये गये हैं। जिनको उत्तर-पुस्तिका पर निर्देशानुसार कीजिए।
(v) प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख निर्दिष्ट हैं।
खण्ड ‘अ‘ बहुविकल्पीय प्रश्न:
- खड़ी बोली गद्य के विकास में योगदान करने वाले मुख्य आरम्भिक लेखक है- 1
(A) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (B) सदासुखंलाल
(C) महावीर प्रसाद द्विवेदी (D) रामचन्द्र शुक्ल
- ‘योग वशिष्ठ‘ के रचनाकार है- 1
(A) दौलतराम (B) मथुरानाथ शुक्ल
(C) सदासुखलाल (D) रामप्रसाद निरंजनी
- ‘कवि-वचन सुधा‘ के सम्पादक थे- 1
(A) प्रतापनारायण मिश्र (B) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(C) प्रेमचन्द्र (D) बालकृष्ण भट्ट
- एकांकी में कितने अंक होते हैं- 1
(A) एक (B) दो
(C) तीन (D) चार
- ‘सूरसागर‘ के रचनाकार है- 1
(A) तुलसीदास (B) कबीरदास
(C) सूरदास (D) जायसी
- ‘अमीर खुसरो‘ कवि हैं- 1
(A) आदिकाल के (B) भक्तिकाल के
(C) रीतिकाल के (D) आधुनिक काल के
- कबीर के दोहों को नाम से नहीं जाना जाता है- 1
(A) दोहा (B) सबद
(C) साखी (D) पद्
- ‘साहित्य लहरी‘ रचना है- 1
(A) कबीरदास (B) तुलसीदास
(C) भारतेन्दु हरिश्चन्द् (D) सूरदास
- श्रृंगार रस का स्थायी भाव है- 1
(A) उत्साह (B) रति
(C) निर्वेद (D) आश्चर्य
- दोहा छन्द के पहले और तीसरे चरण में मात्रायें होती हैं- 1
(A) 13-13 मात्रायें (B) 11-11 मात्रायें
(C) 13-11 मात्रायें (D) 11-13 मात्रायें
- जहाँ पर शब्दों की पुनरावृत्ति हो और उनके अर्थ भी अलग-अलग हों, वहाँ पर अलंकार होता है- 1
(A) यमक (B) अनुप्रास
(C) श्लेष (D) उपमा
12 . किस शब्द की वर्तनी शुद्ध है- 1
(A) आपचारिक (B) ऑपचारिक
(C) ओपचारिक (D) औपचारिक
- ‘जेठ‘ शब्द का तत्सम शब्द है- 1
(A) ज्येष्ठ (B) श्रेष्ठ
(C) काण्ठ (D) कोष्ठ
- ‘धर्म‘ का विलोम है- 1
(A) अधर्म (B) अधम
(C) पाप (D) पुण्य
- ‘लक्ष्मी‘ का पर्यायवाची है- 1
(A) उमा (B) अम्बा
(C) दामिनी (D) कमला
- ‘महा + उत्सवः‘ में सन्धि होगी- 1
(A) महात्सवः (B) महोत्सवः
(C) महेत्सवः (D) महुत्सवः
- ‘मक्खियों से रहित‘ का समस्त पद होगा- 1
(A) समक्षिक (B) बिनामक्षिक
(C) बहुमक्षिका (D) निर्मक्षिका
- ‘हरि‘ शब्द का प्रथमा चतुर्थी, एकवचन में रूप‘ बनेगा- 1
(A) हरीन (B) हरयः
(C) हरिये (D) हरिभिः
- षष्ठी विभक्ति, बहुवचन में राम का रूप होगा- 1
(A) रामाणाम् (B) रामस्य
(C) रामयोः (D) रामेषु
- ‘गम्‘ धातु, लट्लकार, मध्यम पुरुष, एकवचन का रूप है- 1
(A) गच्छ (B) गच्छसि
(C) गच्छेः (D) गच्छतम्
खण्ड ‘ब वर्णनात्मक प्रश्न
- निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों का उत्तर दीजिये-
यदि हम वैद्य होते तो कफ और पित्त के सहवर्ती बात की व्याख्या करते तथा भूगोलवेत्ता होते तो किसी देश के जल-वात का वर्णन करते, किन्तु दोनों विषयों में से हमें एक बात का भी प्रयोजन
नहीं है, हम तो केवल उसी बात के ऊपर दो-चार बातें लिखते हैं, जो हमारे-तुम्हारे सम्भाषण के समय मुख से निकल निकल के परस्पर हृदयस्थ भाव को प्रकाशित करती रहती हैं।
(क) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिये। 2
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये। 2
(ग) हम हृदयस्थ भावाभिव्यक्ति कैसे करते हैं? 2
अथवा
दृढ संकल्प से दुविधा की बेडियाँ कट जाती है। मेरी दुविधा भी दूर हो गयी। कुएँ में घुसकर चिट्ठियों को निकालने का निश्चय किया। कितना भयंकर निर्णय था। पर जो मरने को तैयार. हो, उसे क्या ? मूर्खता अथवा बुद्धिमता से किसी काम को करने के लिये कोई मीत का मार्ग ही स्वीकार कर ले और वह भी जानबूझकर, तो फिर वह अकेला संसार से भिड़ने को तैयार हो जाता है। और फल ? उसे फल की क्या चिन्ता ? फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है।
(क) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
(ख) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिये।
(ग) लेखक चिट्ठियों को किस प्रकार निकालना चाहता था?
22- निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित प्रश्नों का उत्तर दीजिए-
ग्यान प्रकास्या गुरु मिल्या, सो जिनि बीसरि जाइ।
जव गोविन्द कृपा करी, तब गुरु मिलिया आइ ।।
(क) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिये।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिये।
(ग) गोविन्द की कृपा का शिष्य को क्या लाभ हुआ?
अथवा
यह संग में लागियै डोलें सदा, विन देखे न धीरज आनती हैं।
छिनहू जो वियोग परै ‘हरिचन्द्र‘, तो चाल प्रलै की सु ठान्नती है।
बरूनी में थिरेंन झपै उझपै, तल में न समाइबो जानती हैं।
पिय प्यारे तिहारे निहारे बिना, आँखियाँ, दुखियाँ तुहि मानती है।।
(क) उपयुक्त पंद्यांश का सन्दर्भ लिखिये। 2
(ख) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिये। 2
(ग) उपयुक्त पद्यांश में किसका वर्णन किया गयां हैं? 2
- (क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिये- 1+3=4
विनयः हि मनुष्याणां भूषणम्। विनयशीलः जनः सर्वेषां जनानां प्रियः भवति। विनयः सदाचारात् उद्भवति। सदाचारात् न केवलं विनयः अपितु विविधाः अन्येऽपि सद्गुणाः विकसन्ति यथा धैर्यम् दाक्षिण्यम्, संयमः आत्मविश्वासः निर्भीकता। अस्माकं भारतभूमेः प्रतिष्ठा जगति सदाचारादेव आसीत्
अथवा
रामदासः नारायणपुरे निवसति। सः नित्यं ब्राह्मे मुहूर्ते उत्थाय नित्यकर्माणि करोति, नारायणं स्मरति, ततः परं पशुम्यः घासं ददाति। अनन्तरं पुत्रेण सह सः क्षेत्राणि गच्छति। तत्र सः कठिनं श्रमं करोति। तस्म श्रमेण निरीक्षणेन च कृषौ प्रभूतम् अन्नम् उत्पद्यते । तस्य पशवः इष्ट-पुष्टाङ्गा सन्ति, गृहं च धनधान्यदिपूर्णम् अस्ति।
(ख) निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित अर्थ लिखो 1+3=4
बुद्धिमान नीतिमान् वाग्मी श्रीमाञ्छत्रुनिवर्हणः।
विपुलांसो महाबाहुः कम्बुग्रीवो महाहनुः ।।
अथवा
मनसि वचसि कामे पुण्यंपीयूषपूर्णा
स्त्रिभुवनमुपकारश्रेणिभिः प्रीणयन्तः।
परगुण-परमाणून् पर्वतीकृत्य नित्यं,
निज इदि विकसन्तः सन्ति सन्तः कियन्तः ।।
- ‘नये मेहमान‘ एकांकी का कथासार लिखिये।
अथवा
‘व्यवहार‘ एकांकी के कथानक की समीक्षा कीजिये।
- (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक का जीवन-परिचय देते हुए उसकी एक प्रमुख रचना लिखिये- 4
(i) हजारी प्रसाद द्विवेदी (ii) महादेवी वर्मा
(ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कंवि का जीवन-परिचय देते हुये उनकी एक प्रमुख रचना लिखिये- 4
(i) कबीरदास (ii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (iii) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘
26 अपनी पाठ्य-पुस्तक से याद किया हुआ कोई एक श्लोक लिखिये, जो इस प्रश्न-पत्र में न दिया गया हो 3+1=4
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों का उत्तर संस्कृत में दीजिये- 2+2 = 4
(i) सज्जनाः के भवन्ति?
(ii) रामस्य के गुणा सन्ति?
(iii) रामदासः प्रातः काले उत्थाय किं करोति?
(iv) लोकः क प्रसीदति?
- निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ बताते हुये अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिये 1+1=2
(i) आसमान पर चढ़ना। (ii) नाक का बाल होना।
(iii) सौ सुनार की एक लुहार की (iv) जैसी करनी वैसी भरनी।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिये- 2+2 = 4
(i) सदाचार से अनेक गुण विकसित होते हैं। (ii) शेर वन का राजा होता है।
(iii) राम वन को गये। (iv) सदा सत्य बोलना चाहिये।
- संभाषण प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये अपना नाम लिखे जाने के लिये विद्यालय प्रधानाचार्य जी को एक प्रार्थना-पत्र लिखिये। 5
अथवा
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य जी को शुल्क मुक्ति के लिये एक प्रार्थना-पत्र लिखिये।
Disclaimer
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