Class 12 हिंदी पेपर 2025,/Class 12 Hindi model paper 2025 | 24 February || ऐसा ही आयेगा? Hindi paper Class-12 Model paper PDF

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Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Parishad Exam Paper 2025

Board Name UP Board [UPMSP]Session 2025
Class 12thSubjectSanskrit
Maximum Marks100Passing Marks33.33% 
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UP Board Class 12 Hindi Model Paper 2025

Time3 hrs. 15 minutesPaper New Model paper
Masimum Marks 100 MarksPractical NO

101                                                                  301(CK)

2025

हिन्दी

समय : तीन घण्टे 15 मिनट ।                                                                                 | पूर्णांक: 70

नोट:   प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

निर्देश: i) सभी प्रश्न अनिवार्य है।

  1. ii) इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

                                                          खंड – क

  1. (क) ‘नदी के द्वीप ‘ के लेखक हैं   

 (i)  मोहन राकेश                                     (ii) राहुल सांकृत्यायन

 (iii) डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी                     (iv) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

    (ख) ‘वोल्गा से गंगा’ नामक रचना किस विधा से सम्बन्धित है? 

(i)  उपन्यास                                           (ii) जीवनी

(iii) आत्मकथा                                       (iv) कहानी

    (ग) ‘भक्तमाल’ के रचनाकार हैं-

(i)  विट्ठलनाथ                                       (ii) नाभादास

(iii) अग्रदास                                         (iv) गोकुलनाथ  

   (घ) निम्न में से कौन भारतेन्दु युग का नाटक है? 

(i)  लहरों के राजहंस                               (ii) अंधेर नगरी

(iii) ध्रुवस्वामिनी                                   (iv) सज्जन

    (ङ) निम्नलिखित में से कौन-सी रचना रीतिकालीन कवि भूषण की नहीं है?

(i)  जगद्विनोद                                        (ii) शिवा बावनी

(iii) छत्रसाल दशक                                (iv) शिवराज भूषण

  1. (क) ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है – 

(i)  कुरुक्षेत्र पर                                   (ii) रश्मिरथी

(iii) उर्वशी                                        (iv) हुँकार

(ख) कानन कुसुम व महाराणा का महत्व के रचयिता हैं –  

(i)  रामधारी सिंह दिनकर                        (ii) जयशंकर प्रसाद

(iii) जगन्नाथदास रत्नाकर                      (iv) उपरोक्त में से कोई नहीं   

       (ग) रामधारी सिंह’ दिनकर’ किस युग के कवि हैं –

(i)   प्रयोगवादी युग                            (ii) प्रगतिवाद-युग

(iii) द्विवेदी-युग                                  (iv) छायावाद – युग

(घ) ‘द्वापर’ रचना है-  

(i)   सूरदास की                                  (ii) सुमित्रानन्दनपन्त की

 (iii) महादेवी वर्मा की                         (iv) मैथिलीशरण गुप्त की

(ङ) रीतिबद्ध काव्यधारा के कवि हैं-    

(i)   चिंतामणि                                   (ii) घनानन्द

 (iii) आलम                                       (iv) बोधा

  1. निम्नलिखित अवतरणों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों उत्तर दीजिए । 

रमणीयता और नित्य नूतनता अन्योन्याश्रित हैं, रमणीयता के अभाव में कोई भी चीज मान्य नहीं होती। नित्य नूतनता किसी भी सृजक की मौलिक उपलब्धि की प्रामाणिकता सूचित करती है और उसकी अनुपस्थिति में कोई भी चीज वस्तुतः जनता व समाज के द्वारा स्वीकार्य नहीं होती। सड़ी-गली मान्यताओं से जकड़ा हुआ समाज जैसे आगे बढ़ नहीं पाता, वैसे ही पुरानी रीतियों और शैलियों की परम्परागत लीक पर चलने वाली भाषा भी जनचेतना को गति देने में प्राय: असमर्थ ही रह जाती है। भाषा समूची युगचेतना की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है और ऐसी सशक्तता वह तभी अर्जित कर सकती है, जब वह अपने युगानुकूल सही मुहावरों को ग्रहण कर सके।

 (i) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

 (ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए

 (iii) किसी लेखक की रचना में मौलिकता का बड़ा प्रमाण क्या है?

 (iv) ‘भाषा समूची युगचेतना की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

 (v) लेखक के अनुसार किस रचना को समाज में स्वीकृति नहीं मिलपाती?

अथवा

जन्म लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के भरण-पोषण की, उसके शिक्षण की, जिससे वह समाज के एक जिम्मेदार घटक के नाते अपना योगदान करते हुए अपने विकास में समर्थ हो सके, उसके लिए स्वस्थ एवं क्षमता की अवस्था में जीविकोपार्जन की और यदि किसी भी कारण वह सम्भव न हो, तो भरण-पोषण की तथा उचित अवकाश की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी समाज की है। प्रत्येक सभ्य समाज इसका किसी-न-किसी रूप में निर्वाह करता है। प्रगति के यही मुख्य मानदण्ड हैं। अतः न्यूनतम जीवन स्तर की गारण्टी, शिक्षा, जीविकोपार्जन के लिए रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण को हमें मूलभूत अधिकार के रूप में स्वीकार करना होगा।

 (i) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

 (ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

 (iii) लेखक के अनुसार मनुष्य के विकास में समाज की क्या भूमिका है?

 (iv) ‘जीविकोपार्जन’ तथा ‘भरण-पोषण’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

  (v) मूलभूत अधिकार के रूप में किसे स्वीकार करना होगा?

  1. निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आए।

होने देना विकृत-वसना तो न तू सुन्दरी को ।।

जो थोड़ी भी श्रमित वह हो, गोद ले श्रान्ति खोना।

होठों की औ कमल-मुख की म्लानताएँ मिटाना।।

कोई क्लान्ता कृषक-ललना खेत में जो दिखावे।

धीरे-धीरे परस उसकी क्लान्तियों को मिटाना।।     

जाता कोई जलद यदि हो व्योम में तो उसे ला

छाया द्वारा सुखित करना तप्त भूतांगना को ।।

 (i) प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

 (ii) प्रस्तुत पद्यांश का केन्द्रीय भाव लिखिए।

 (iii) नायिका पवन से लज्जाशील महिला के प्रति कैसा आचरण अपनाने के लिए कहती है?

(iv) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(v) प्रस्तुत पद्यांश के शिल्प सौन्दर्य का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

अथवा

एक दिन सहसा सूरज निकला अरे क्षितिज पर नहीं, नगर के चौक;

धूप बरसी पर अन्तरिक्ष से नहीं फटी मिट्टी से

छायाएँ मानव-जन की दिशाहीन, सब ओर पड़ी – वह सूरज

नहीं उगा था पूरब में, वह बरसा सहसा

बीचो-बीच नगर के; काल-सूर्य के रथ के

पहियों के ज्यों अरे टूट कर बिखर गए हों दसों दिशा में i

कुछ क्षण का वह उदय अस्त i

केवल एक प्रज्वलित क्षण की

दृश्य सोख लेने वाली दोपहरी फिर ॥

(i) प्रस्तुत पद्यांश के रचनाकार और रचना का नाम बताइए।

 (ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए

 (iii) हिरोशिमा नगर में परमाणु बम विस्फोट के परिणाम क्या हुए?

 (iv) “काल-सूर्य के रथ के पहियों के ज्यों अरे टूट कर बिखर गए हों”पंक्ति से कवि का  क्या आशय है?

(v) ‘दसो दिशा में कुछ क्षण का वह उदय-अस्त’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए –  

(i) वासुदेवशरण अग्रवाल             

(ii) जी. सुन्दर रेड्डी  

(iii) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

          (ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों  पर प्रकाश डालिए    

(i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र                      

(ii) जयशंकर प्रसाद  

(iii) सुमित्रा नन्दन पंत

  1. ”कर्मनाशा की हार’ अथवा ‘कर्मनाशा की हार’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। 

अथवा ‘बहादुर’ अथवा पंचलाइट’ कहानी के मुख्य पात्र भैरो पाण्डे का चरित्र चित्रण कीजिए।

  1. निम्नलिखित खण्डकाव्यों में से स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए।

           (क) ‘श्रवण कुमार’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटना का अपने शब्दों में वर्णनकीजिए |

अथवा ‘श्रवण कुंमार’ खण्डकाव्य के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए।

(ख) “मुक्तियज्ञ की राष्ट्रीयता एवं देशभक्ति संकुचित नहीं है । ” – इस उक्ति के परिप्रेक्ष्य  में ‘मुक्तियज्ञ’ की कथावस्तु की विवेचना कीजिए

अथवा ‘मुक्तियज्ञ’ की भाषा-शैली पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए ।

(ग) “हर्षवर्द्धन के चरित्र में लोकमंगल की कामना निहित है।”— इस कथन के आलोक  में ‘त्यागपथी’ के नायक हर्षवर्द्धन का चरित्रांकन कीजिए।     

अथवा ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।

          (घ) “रश्मिरथी खण्डकाव्य में कवि का मुख्य मन्तव्य कर्ण के चरित्र के शील पक्ष, मैत्री  भाव तथा शौर्य का चित्रण करना है।” – सिद्ध कीजिए।

अथवा ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य की कथावस्तु का संक्षेप में विवेचन कीजिए |

          (ङ) “सत्य की जीत खण्डकाव्य में द्रौपदी के चरित्र में वर्तमान युग के नारी-जागरण का  प्रभाव स्पष्ट रूप से ‘परिलक्षित’ होता है। ” -इस कथन को सिद्ध कीजिए।

अथवा खण्डकाव्य की विशेषताओं के आधार पर ‘सत्य की जीत खण्डकाव्य की  समीक्षा कीजिए।

           (च) ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए

अथवा “आलोक-वृत्त एक सफल खण्डकाव्य है ।” – इस कथन के औचित्य पर अपने  विचार प्रकट कीजिए |

खंड – ख

  1. निम्नलिखित अवतरणों का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।

(क) हंसराज: आत्मनः चित्तरुचितं स्वामिकम् आगत्य वृणुयात् इति दुहितरमादिदेश सा शकुनिसङ्के अवलोकयन्ती मणिवर्णग्रीवं चित्रप्रेक्षणं मयूरं दृष्ट्वा ‘अयं में स्वामिको भवतु’ इत्यभाषत । मयूर: ‘आद्यापि तावन्मे बलं न पश्यसि’ इति अतिगर्वेण लज्जाञ्च त्यक्त्वा तावन्महतः शकुनिसङ्घस्य मध्ये पक्षौ प्रसार्य नर्तितुमारब्धवान्। नृत्यन् चाप्रतिच्छन्नोऽभूत्। सुवर्णराजहंस: लज्जित: ‘अस्य नैव हीः अस्ति न बर्हाणां समुत्याने लज्जा । नास्मै गतत्रपाय स्वदुहितरं दास्यामि’ इत्यकथयत्।

अथवा

सौराष्ट्रप्रान्ते टङ्कारानाम्नि ग्रामे श्रीकर्षणतिवारीनाम्नो धनाढ्यस्य औदीच्यविप्रवंशीयस्य धर्मपत्नी शिवस्य पार्वतीव भाद्रमासे नवम्यां तिथौ गुरुवासरे मूलनक्षत्रे एकाशीत्युत्तराष्टादशशततमे (1881) वैक्रमाब्दे पुत्ररत्नमजनयत्। जन्मतः दशमे दिने ‘शिवं भजेदयम्’ इति बुद्धया पिता स्वसुतस्य मूलशङ्कर इति नाम अकरोत् अष्टमे वर्षे चास्योपनयनमकरोत्।

(ख) ग्रहणमुपगते तु वासुदेवे हृतनयना इव पाण्डवा भवेयुः।

 गतिमतिरहितेषु पाण्डवेषु, क्षितिरखिलापि भवेन्ममासपत्ना।।             

                              अथवा

कामान् दुग्धे विप्रकर्षत्यलक्ष्मीं

कीर्ति सूते दुष्कृतं या हिनस्ति ।

शुद्धां शान्तां मातरं मङ्गलानां

धेनुं धीराः सूनृतां वाचमाहुः ।         

  1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर संस्कृत में दीजिए।

(i) धीमतां कालः कथं गच्छति?  

(ii) पञ्चशीलमिति कीदृशाः सिद्धान्ता सन्ति?

(iii) कः पाण्डवः दूतः अभवत्?

(iv) संस्कृत साहित्यस्य आदिकवि कः आसीत्?    

  1. (क) ‘करुण’ अथवा ‘शान्त’ रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। 

(ख) ‘प्रतीप’ अथवा ‘श्लेष’ अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

 (ग) ‘रोला’अथवा ‘कुण्डलियाँ’ छन्द का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए। 

  1. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए। 9

(क) मेरी प्रिय पुस्तक

(ख) राष्ट्र निर्माण में युवाशक्ति का योगदान

ग) कम्प्यूटर की उपयोगिता

(घ) राष्ट्रीय एकता में हिन्दी का योगदान

(ङ) विद्यार्थी और राजनीति    

  1. (क) ‘विपत्जालम्‘ का सन्धि विच्छेद होगा     

(i) पिपद + जालम               (ii) विप + त्जालम्

 (iii) विपद् + जालम्            (iv) विपत् + जालम्

(ख) ‘नयनम्’ का सन्धि विच्छेद होगा     

(i)  ने + अनम्                     (ii) नै + अनम्

 (iii) नय + नम्                     (iv) नय + अनम्                            

(ग) ‘पशवश्चरन्ति’ में सन्धि है

(i) विसर्ग संधि                    (ii) स्वर संधि  

 (iii) यण संधि                      (iv) अयादि संधि                            

(ख)    निम्नलिखित में से किसी एक का विग्रह करके समास का नाम लिखिए-    

(i) ‘दामोदर:’                                                                                                     

(ii) ‘प्रतिगृहम्’                                                                                         

 (iii) प्रत्येकम्                                                                                           

  1. किसी खुदरा वितरक फर्म की तरफ से किसी आपूर्तिकर्ता फर्म को माल की आपूर्ति के लिए एक पत्र लिखिए 

अथवा

 शहर की सफाई हेतु अपने शहर के नगर अधिकारी को एक पत्र लिखिए

14. (क) (i) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द के धातु एवं प्रत्यय का योग स्पष्ट कीजिए  

(a) पठितुम्                              (b) दृष्ट्वा                        (c) गत:

(ii) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द का प्रत्यय  लिखिए

(a) ‘बुद्धिमान्’          (b) ‘गन्तव्यम्’          (c) ‘रूपवती’

() रेखांकित पदों में से किसी एक पद में प्रयुक्त विभक्ति तथा सम्बन्धित नियम का उल्लेख कीजिए-

(अ) पुत्रेण सह।

(ब) ग्रामम् अभितः वृक्षाः सन्ति।

(स) कृष्णाय नमः।

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