यूपी बोर्ड कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ – UP Board Class 12 Sahityik Hindi Previous Year Question Paper 2024 Download PDF [Set 4 – 301 (DD)]
UP Board Class 12 Sahityik Hindi Previous Year Question Paper 2024 Download PDF [Set 4 – 301 (DD)] – यूपी बोर्ड कक्षा 12 साहित्यिक हिंदी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ 2024-25 New Model Paper PDF sample Paper 2024-25. Class 12 Sahityik Hindi Previous Year Question Paper 2024 Download PDF || Set 4 – 301 (DD). UP Board Class 12 Question Papers Download PDF Free . Class 12 Sahityik Hindi Model Paper 2024 – UP Board Newly Updated Syllabus Question Paper 2024 session 2023-24 -UPMSP- Based on New pattern of Up Board.
Class | 12 | Topic | Previous Year Question Paper |
Board | UP Board (UPMSP) | Exam Year | 2025 |
State | Uttar Pradesh | यूपी बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट | UPMSP.EDU.IN |
Exam Session | 2024-25 | Download PDF | Click Here |
कक्षा 12 साहित्यक हिंदी प्रश्नपत्र यूपी बोर्ड परीक्षा 2024
समय | 3:15 hr. | पूर्णांक | 100 |
प्रक्टिकल | नहीं | पासिंग मार्क | 33.33% |
नोट :(i) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
- ii) इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं, दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
खण्ड – क
- (क) निम्न में से कृति एवं कृतिकार का एक गलत युग्म है
(i) ‘प्रेमसागर’ – लल्लूलाल
(ii) ‘नासिकेतोपाख्यान’ – सदल मिश्र
(iii) ‘चंद छन्द बर्नन की महिमा’ – किशोरीलाल गोस्वामी✔
(iv) ‘भाषा योगवाशिष्ठ’ – रामप्रसाद ‘निरंजनी’ ।
(ख) गुलाब राय प्रमुख निबन्धकार हैं
(i) ‘द्विवेदी-युग’ के✔
(ii) ‘शुक्ल-युग’ के✔
(iii) ‘शुक्लोत्तर-युग’ के
(iv) ‘स्वातन्त्र्योत्तर युग’ के ।
(ग) जैनेन्द्र कुमार द्वारा लिखित उपन्यास है
(i) ‘त्यागपत्र’✔
(ii) ‘ऋतुचक्र’
(iii) ‘परती परिकथा’
(iv) ‘चारुचन्द्र लेख’ ।
(घ) डॉ० हजारीप्रसाद द्विवेदी का निबन्ध संग्रह है
(i) ‘साहित्य सहचर’
(ii) ‘पुनर्नवा’
(iii) ‘सहज साधना’
(iv) ‘विचार और वितर्क’ ✔।
(ङ) ‘डायरी’ विधा की रचना नहीं है
(i) ‘ज्यादा अपनी कम पराई’✔
(ii) ‘निठल्ले की डायरी’
(iii) ‘एक साहित्यिक की डायरी’
(iv) ‘रोजनामचा’ ।
- (क) निम्न में से प्रगतिवादी कवि नहीं हैं
(i) गजानन माधव मुक्तिबोध✔
(ii) केदारनाथ अग्रवाल
(iii) गिरिजाकुमार माथुर
(iv) त्रिलोचन शास्त्री ।
(ख) प्रयोगवादी कवियों को ‘राहों का अन्वेषी’ कहा है
(i) नामवर सिंह ने
(ii) रामविलास शर्मा ने
(iii) रामचन्द्र शुक्ल ने
(iv) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ने✔ ।
(ग) जयशंकर प्रसाद की प्रथम काव्यकृति है
(i) ‘कामायनी’
(ii) ‘लहर’
(iii) ‘आँसू’
(iv) ‘चित्राधार’✔ ।
(घ) निम्न में से ‘दूसरा सप्तक’ में प्रकाशित कवि हैं
(i) गिरिजाकुमार माथुर
(ii) धर्मवीर भारती✔
(iii) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(iv) नेमिचन्द्र जैन ।
(ङ) सुमित्रानंदन पन्त को ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार मिला था
(i) ‘चिदम्बरा’ पर
(ii) ‘लोकायतन’ पर
(iii) ‘कला और बूढ़ा चाँद’ पर✔
(iv) ‘युगवाणी’ पर ।
- निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
राष्ट्र का तीसरा अंग जन की संस्कृति है। मनुष्यों ने युगों-युगों में जिस सभ्यता का निर्माण किया है वही उसके जीवन की श्वास-प्रश्वास है। बिना संस्कृति के जन की कल्पना कबंधमात्र है, संस्कृति ही जन का मस्तिष्क है। संस्कृति के विकास और अभ्युदय के द्वारा ही राष्ट्र की वृद्धि संभव है। राष्ट्र के समग्र रूप में भूमि और जन के साथ-साथ जन की संस्कृति का महत्त्वपूर्ण स्थान है। यदि भूमि और जन अपनी संस्कृति से विरहित कर दिये जायें तो राष्ट्र का लोप समझना चाहिए । जीवन के विटप का पुष्प संस्कृति है ।
(i) राष्ट्र की वृद्धि कैसे संभव है?
(ii) किसी राष्ट्र का लोप कब समझना चाहिए?
(iii) संस्कृति क्या है?
(iv) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(v) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
अथवा
रवीन्द्रनाथ ने इस भारतवर्ष को ‘महामानव समुद्र’ कहा है। विचित्र देश है यह। असुर आये, आर्य आये, शक आये, हूण आये, नाग आये, यक्ष आये, गंधर्व आये न जाने कितनी मानव-जातियाँ यहाँ आयीं और आज के भारतवर्ष को बनाने में अपना हाथ लगा गयीं। जिसे हम हिन्दू रीति-नीति कहते हैं, वह अनेक आर्य और आर्येतर उपादानों का मिश्रण है। एक-एक पशु, एक-एक पक्षी न जाने कितनी स्मृतियों का भार लेकर हमारे सामने उपस्थित हैं। अशोक की भी अपनी स्मृति-परम्परा है। आम की भी, बकुल की भी, चंपे की भी। सब क्या हमें मालूम है ? जितना मालूम है, उसी का अर्थ क्या स्पष्ट हो सका है ?
(i) किसने किसको ‘महामानव समुद्र’ कहा है?
(ii) आज के भारतवर्ष के निर्माण में किनका सहयोग रहा है?
(iii) ‘उपादान’ और ‘बकुल’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।
(iv) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(v) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
- निम्नलिखित पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
लज्जाशीला पथिक महिला जो कहीं दृष्टि आये ।
होने देना विकृत-वसना तो न तू सुंदरी को ।
जो थोड़ी भी श्रमित वह हो गोद ले श्रांति खोना ।
होठों की औ कमल-मुख की म्लानताएँ मिटाना ।।
कोई क्लान्ता कृषक-ललना खेत में जो दिखावै ।
धीरे-धीरे परस उसकी क्लान्तियों को मिटाना ।
जाता कोई जलद यदि हो व्योम में तो उसे ला ।
छाया द्वारा सुखित करना, तप्त भूतांगना को ।।
(i) ‘लज्जाशीला’ शब्द किसके लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त है?
(ii) वियोगिनी राधा ‘पवन दूतिका’ से किसकी क्लान्तियों को मिटाने का निवेदन करती हैं?
(iii) ‘विकृत-वसना’ शब्द का अर्थ लिखिए तथा ‘कमल-मुख’ में अलंकार निरूपित कीजिए ।
(iv) उपर्युक्त पद्यांश के पाठ और रचयिता का नाम लिखिए
(v) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
अथवा
सामने टिकते नहीं वनराज, पर्वत डोलते हैं,
काँपता है कुंडली मारे समय का व्याल,
मेरी बाँह में मारुत, गरुड़, गजराज का बल है
मर्त्य मानव की विजय का तूर्य हूँ मैं,
उर्वशी ! अपने समय का सूर्य हूँ मैं।
अंध तम के भाल पर पावक जलाता हूँ
बादलों के सीस पर स्यंदन चलाता हूँ।
(i) किसके सामने ‘समय का व्याल’ काँप जाता है?
(ii) उपर्युक्त पद्यांश के पाठ और रचयिता का नाम लिखिए ।
(iii) ‘बनराज’ और ‘स्यंदन’ शब्दों के अर्थ लिखिए ।
(iv) ‘अंध तम के भाल पर पावक जलाता हूँ’ इसका आशय स्पष्ट कीजिए ।
(v) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
- (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय देते हुए उनकी भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए: (अधिकतम शब्द सीमा 80 शब्द)
(i) कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
(ii) प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी –
(iii) जैनेन्द्र कुमार ।
(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
(i) जगन्नाथदासं ‘रत्नाकर’
(ii) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(iii) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ ।
- ‘लाटी’ कहानी के आधार पर उसके प्रमुख पात्र का चरित्र चित्रण कीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
अथवा
‘बहादुर’ अथवा ‘कर्मनाशा की हार’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
- स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्डकाव्य के एक प्रश्न का उत्तर लिखिए । ( अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द)
(क) ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘अर्जुन’ का चरित्र-चित्रण कीजिए । अथवा ‘रश्मिरथी’ खण्डकाव्य के ‘पंचम सर्ग’ की घटना का उल्लेख कीजिए ।
(ख) ‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘राज्यश्री’ का चरित्रांकन कीजिए ।
अथवा
‘त्यागपथी’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख कीजिए ।
(ग) ‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘श्रवणकुमार’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘श्रवणकुमार’ खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए ।
(घ) ‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाएँ लिखिए ।
अथवा
‘मुक्तियज्ञ’ खण्डकाव्य के नायक की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए ।
(ङ) ‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य के आधार पर उसकी नायिका का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘सत्य की जीत’ खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख कीजिए ।
(च) ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य के आधार पर ‘कस्तूरबा गांधी’ का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
अथवा
‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य की विशेषताएँ लिखिए ।
खण्ड – ख
- (क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए ।
संस्कृतसाहित्यस्य आदिकविः वाल्मिकीः, महर्षिव्यासः, कविकुलगुरुः कालिदासः अन्ये च भास-भारवि-भवभूत्यादयो महाकवयः स्वकीयैः ग्रन्थरत्नैः अद्यापि पाठकानां हृदि विराजन्ते । इयं भाषा अस्माभिः मातृसमं सम्माननीया, वन्दनीया च, यतो भारतमातुः स्वातन्त्र्यं, गौरवम्, अखण्डत्वं सांस्कृतिकमेकत्वञ्च संस्कृतेनैव सुरक्षितुं शक्यन्ते । इयं संस्कृतभाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति । ततः सुष्छूक्तम् ‘भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती’ इति ।
अथवा
महामनस्विनः मदनमोहनमालवीयस्य जन्म प्रयागे प्रतिष्ठितपरिवारेऽभवत् । अस्य पिता पण्डितव्रजनाथमालवीयः संस्कृतस्य सम्मान्यः विद्वान् आसीत् । अयं प्रयागे एव संस्कृतपाठशालायां राजकीयविद्यालये म्योरसेण्ट्रलमहाविद्यालये च शिक्षां प्राप्य अत्रैव राजकीयविद्यालये अध्यापनम् आरब्धवान् । युवकः मालवीयः स्वकीयेन प्रभावपूर्णभाषणेन जनानां मनांसि अमोहयत् । अतः अस्य सुहृदः तं प्राङ्ङ्घिवाकपदवीं प्राप्य देशस्य श्रेष्ठतरां सेवां कर्तुं प्रेरितवन्तः । तदनुसारम् अयं विधिपरीक्षामुत्तीर्य प्रयागस्थे उच्चन्यायालये प्राड्विवाककर्म कर्तुमारभत् । विधेः प्रकृष्टज्ञानेन मधुरालापेन उदारव्यवहारेण चायं शीघ्रमेव मित्राणां न्यायाधीशानाञ्च सम्मानभाजनमभवत् ।
(ख) निम्नलिखित संस्कृत पद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए ।
प्रजानां विनयाधानाद् रक्षणाद् भरणादपि ।
स पिता पितरस्तासां केवलं जन्महेतवः ।।
अथवा
विद्या विवादाय धनं मदाय शक्तिः परेषां परपीडनाय ।
खलस्य साधोः विपरीतमेतज्ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय ।।
- निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए ।
(i) काकः उलूकस्य विरोधं कथम् अकरोत्?
(ii) रविः जलं किमर्थम् आदत्ते?
(iii) दयानन्दस्य पितुः नाम किम् आसीत्?
(iv) चीन-भारत-देशो कस्मिन् धर्मे निष्ठावन्तौ?
- (क) ‘श्रृंगार’ रस अथवा ‘रौद्र’ रस की परिभाषा लिखकर एक उदाहरण दीजिए ।
(ख) ‘श्लेष’ अलंकार अथवा ‘उत्प्रेक्षा’ अलंकार की परिभाषा लिखकर एक उदाहरण दीजिए ।
(ग) ‘बरवै’ छन्द अथवा ‘इन्द्रवज्रा’ छन्द की सोदाहरण परिभाषा लिखिए ।
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए ।
(i) गरीबी उन्मूलन में जनसंख्या निवारण का महत्त्व
(ii) प्राकृतिक आपदाएँ: कारण और निवारण
(iii) महिला सशक्तीकरण और उसके परिणाम
(iv) कम्प्यूटर की उपयोगिता
(v) साहित्य का उद्देश्य ।
- (क) (i) ‘पवित्रम्’ का सन्धि विच्छेद होगा
(अ) पे + इत्रम्
(ब) पव + इत्रम्
(स) पवि + त्रम्
(द) पो + इत्रम्✔ ।
(ii) ‘योद्धा’ का सन्धि-विच्छेद होगा
(अ) युध् + तृन्
(ब) युद्ध + आ
(स) योध् + धा✔
(द) यो + धा ।
(iii) ‘इतस्ततः’ का सन्धि विच्छेद है
(अ) इतः + ततः✔
(ब) इतस् + ततः
(स) इतर + ततः
(द) इतश् ततः ।
(ख) (i) ‘निर्दोषः’ में समास है
(अ) कर्मधारय
(ब) बहुव्रीहि
(स) अव्ययीभाव✔
(द) तत्पुरुष ।
(ii) ‘चराचरम्’ में समास है
(अ) कर्मधारय✔
(ब) अव्ययीभाव
(स) द्विगु
(द) बहुव्रीहि ।
- (क) (i) ‘नीत्वा’ शब्द में प्रत्यय है
(अ) क्त
(ब) क्त्त्वा✔
(स) तव्यत्
(द) त्व ।
(ii) ‘इयान्’ में प्रत्यय है
(अ) अनीयर✔
(ब) मतुप्
(स) वतुप्
(द) तव्यत् ।
(ख) रेखांकित पदों में से किसी एक पद में विभक्ति तथा सम्बन्धित नियम लिखिए:
(अ) हा! कृष्णाभक्तम् ।
(ब) देवेभ्यः स्वाहा ।
(स) त्वं मया सार्धम् आपणं चल ।
- अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें अपने माता-पिता के साथ ‘केदारनाथ-यात्रा’ पर जाने के लिए दस दिन के अवकाश की माँग की गयी हो ।
Hindi 301 DA | Hindi 301 DB | Hindi 301 DC | Hindi 301 DD |
Hindi 301 DE | Hindi 301 DF | Hindi 301 DG | |
General Hindi 302 DA | General Hindi 302 DB | General Hindi 302 DC | General Hindi 302DD |
General Hindi 302 DE | General Hindi 302 DF | General Hindi 302 DG |