UP Board Class-10 Hindi Pre Board Exam Model Paper 2025 PDF- कक्षा-10 हिन्दी मॉडल प्रश्नपत्र 2024-25-Hindi Exam Question Papers 2025 एकदम असली पेपर
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Class | 10 | Topic | Pre Board Exam Question Paper |
Board | UP Board (UPMSP) | Exam Year | 2025 |
State | Uttar Pradesh | यूपी बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट | UPMSP.EDU.IN |
Exam Session | 2024-25 | Download PDF | Click Here |
कक्षा 10 हिन्दी प्रश्नपत्र यूपी बोर्ड परीक्षा 2025
समय | 3:15 hr. | पूर्णांक | 70 |
आतंरिक मूल्यांकन | 30 | पासिंग मार्क | 33.33% |
प्री-बोर्ड परीक्षा:2025 SH/45
विषय- हिन्दी
समय- 3 घण्टा कक्षा- 10 पूर्णांक-70
नोट- (i) प्रश्न पत्र दो खण्ड, खण्ड-क व ख में विभक्त है।
(ii) खण्ड-क के प्रश्नों का उत्तर OMR में देना है।
(iii) खण्ड-ख वर्णनात्मक प्रश्नों का है। जिसके उत्तर परीक्षा उत्तरपुस्तिका में देने है।
(खण्ड-क) बहुविकल्पीय प्रश्न
- कंकाल के लेखक हैं-
(क) प्रेमचन्द (ख) निराला (ग) जयशंकर प्रसाद (घ) रामचन्द्र शुक्ल
2 नीड़ का निर्माण फिर किस विधा की रचना है।
(क) आत्मकथा (ख) जीवनी (ग) साक्षात्कार / भेटवार्ता (घ) रेखाचित्र
3 मतिराम किस युग के कवि है-
(क) आधुनिक काल (ख) आदिकाल (ग) भक्तिकाल (घ) रीतिकाल
- ‘हंस’ पत्रिका के सम्पादक थे- 1
(क) प्रेमचन्द (ख) महादेवी वर्मा (ग) जयशंकर प्रसाद (घ) महादेवी वर्मा
- संस्कृति के चार अध्याय के लेखक है-
(क) डॉ० हजारी प्रसाद द्विवेदी (ख) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(ग) रामधारी सिंह दिनकर (घ) इनमें से कोई नहीं
- प्रायश्चित किसकी रचना है-
(क) पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी (ख) रामधारी सिंह दिनकर
(ग) जयशंकर प्रसाद (घ) भगवतीचरण वर्मा
- बिहारी किस काल के कवि हैं- 1
(क) भक्तिकाल (ख) वीरगाथा काल (ग) रीतिकाल (घ) आधुनिक काल
- चाँद पत्रिका के सम्पादक कौन है-
(क) रामवृक्ष बेनीपुरी (ख) कमलेश्वर
(ग) मुंशी प्रेमचन्द्र (घ) महादेवी वर्मा
- निम्न में से जीवनी विधा के लेखक है-
(क) अमृतराय (ख) प्रेमचन्द्र (ग) रामकुमार वर्मा (घ) रामचन्द्र शुक्ल
- बिहारी किस काल के कवि हैं- 1
(क) भक्तिकाल (ख) वीरगाथा काल (ग) रीतिकाल (घ) आधुनिक काल
- पथिक किसकी रचना है-
(क) रामनरेश त्रिपाठी (ख) धर्मवीर भारती
(ग) सुमित्रानन्दन पंत (घ) नरेन्द्र शर्मा
- भारत भारती किसकी रचना है।
(क) मैथिलीशरण गुप्त (ख) महादेवी वर्मा
(ग) रामधारी सिंह दिनकर (घ) रामकुमार वर्मा
- रहिमन मोहि न सुहाय, अभी पियावत मान बिन
बरूविष देय बुलाय, मान सहित मरिबो भलो
उपरोक्त काव्यपंक्ति में प्रयुक्त छंद बताइए।
(क) सोरठा (ख) दोहा (ग) रोला (घ) इनमें से कोई नही
- रोला छन्द में कुल कितने चरण होते है।
(क) तीन (ख) दो (ग) चार (घ) पाँच
- ‘कामदेव’ का पर्यावाची शब्द है- 1
(क) हेम (ख) मराल (ग) विश्व (घ) मदन
- सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात।
मनो नील मढ़ि शैल पर, आतप परयो प्रभात ।।
उपरोक्त पंक्तियों में अलंकार है।
(क) उपमा (ख) उत्प्रेक्षा (ग) रूपक (घ) श्लेष अलंकार
- पीताम्बर में कौन सा समास है।
(क) कर्मधारय (ख) द्वन्द्व (ग) बहुव्रीहि (घ) तत्पुरूष
- आकर्षण शब्द में कि उपसर्ग का प्रयोग किया गया है।
(क) वि (ख) अक (ग) आ (घ) इनमें से कोई नही
- कर्मवाच्य में प्रधानता होती है- 1
(क) कर्ता की (ख) भाव की (ग) कर्म की (घ) किसी की नहीं
- मधुभिः में विभक्ति व वचन है।
(क) तृतीया एकवचन (ख) पंचमी बहुवचन
(ग) तृतीया बहुवचन (घ) चतुर्थी बहुवचन
(खण्ड-ख)
- निम्न गद्यांशों में से किसी एक के नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
जो तरूण संसार के जीवन-संग्राम से दूर है, उन्हें संसार का चित्रबड़ा ही मनमोहक प्रतीत होता है। जो वृद्ध हो गए है, जो अपनी बाल्यावस्था और तरूणावस्था से दूर हट आये है, उन्हें अपने अतीत काल की स्मृति बड़ी सुखद लगती है। वे अतीत का ही स्वप्न देखते है। तरूणों के लिए जैसे भविष्य उज्ज्वल होता है, वैसे ही वृद्धों के लिए अतीत। वर्तमान से दोनों को असंतोष होता है। तरूण भविष्य को वर्तमान में लाना चाहते है और वृद्ध अतीत को खींचकर वर्तमान में देखना चाहते है। तरूण क्रांति के समर्थक होते है और वृद्ध अतीत गौरव के संरक्षक। इन्ही दोनों के कारण वर्तमान सदैव क्षुब्ध रहता है और इसी से वर्तमान काल सदैव सुधारों का काल बना रहता है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) लेखक के अनुसार हमारा अस्तित्व किस कारण से आज भी कायम है?
अथवा
जिंदगी को मौत के पंजों से मुक्त कर उसे अमर बनाने के लिए आदमी ने पहाड़ काटा है। किस तरह इन्सान की खूबियों की कहानी सदियों बाद आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाई जाए इसके लिए आदमी ने फिलने ही उपाय सोचे और किए। उसने चट्टानों पर अपने सन्देश खांदे, ताड़ों से ऊँचे धातुओं से चिकने पत्थर के खम्भे खड़े किए, ताँबे और पीतल के पत्तरों पर अक्षरों के मोती बिखेरें और उसके जीवन मरण की कहानी सदियों के उतार पर सरकती चली आई, चली आ रही है जो आज हमारा अमानत विरासत बन गई है।
(क) गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) अजन्ता की गुफाओं के निर्माण का क्या उद्देश्य रहा है?
- निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक पद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
सच्चा प्रेम वही है जिसकी
तृप्ति आत्म-बलि पर हो निर्भर।
त्याग बिना निष्प्राण प्रेम है,
करो प्रेम पर प्राण निछावर ।।
देश-प्रेम वह पुण्य-क्षेत्र है,
अमल असीम त्याग से विलसति
आत्मा के विकास से जिसमें,
मनुष्यता होती है विकसित ।।
(क) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) “करो प्रेम पर प्राण निछावर” पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार बताइए।
अथवा
मेरे जीवन का आज मूक, तेरी छाया से हो मिलाप,
तन तेरी साधकता छू ले, मन ले करुणा की थाह नाप !
उर में पावस दृग में विहान।
(क) उपर्युक्त पद्यांश का सदर्भ लिखिए।
(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(ग) कवियित्री किसके गुणों को अपने मन में सहजने की कामना करती है?
- निम्नलिखित संस्कृत गद्य अवतरणों में से किसी एक का सन्दर्भ सहित हिन्दी अनुवाद कीजिए।
वाराणसी सुविख्याता प्रचीन नगरी। इयं विमलसलिला तरङ्गायाः गङ्गायाः कूले स्थिता। अस्याः घट्टानां वलयाकृति पङ्क्तिः धवलायां चन्द्रिकायां बहुराजते। अगणिताः पर्यटकाः सुदूरेभ्यः नित्यम् अत्र आयान्ति, अस्याः घट्टानाञ्च शोभां विलोक्य इमां बहु प्रशंसन्ति ।
अथवा
‘विश्वस्य सष्टा ईश्वर एक एव’ इति भारतीय संस्कृतेः मूलम् । विभिन्नमतावलम्बिनः विविधैः नामभिः एकम् एव ईश्वरं भजन्ते। अग्निः इन्द्रः कृगाः करीमः, राम, रहीमः, जिनः, बुद्धः, खिस्तः, अल्लाहः इत्यादीनि नामानि एकस्य एव परमात्मनः सन्ति। तम् एवं ईश्वरं जनाः इत्यपि मन्यन्ते। अतः सर्वेषां मतानां समभावः सम्मानश्च अस्माकं संस्कृतेः सन्देशः।
- निम्नलिखित संस्कृत पद्य अवतरणों में से किसी एक का संदर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।
नीर क्षीर विवेक हंसालस्य त्वमेव तनुषे चेत् ।
विश्वस्मिन्नधुनान्यः कुलवृत्तं पालयिष्यति कः ॥
अथवा
रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातं
भास्वानुदेख्यति हसिष्यति पडूजालिः ।
इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे
हा हन्त! हन्त! नलिनी गज उज्जहार।
- जय सुभाष खण्डकाव्य के चतुर्थ सर्ग का कथासार संक्षेप में लिखिए।
अथवा
जयसुभाष खण्डकाव्य के आधार पर नायक का चरित्र चित्रण कीजिए।
- (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए साहित्यिक योगदान व रचनाओं पर प्रकाश डालिए।
(अ) डा० राजेन्द्र प्रसाद
(ब) पदुमलाल पुन्ना लाल बख्शी
(स) जय प्रकाश भारती
(ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए कृतियों का उल्लेख कीजिए।
(अ) तुलसीदास
(ब) बिहारीलाल
(स) रामनरेश त्रिपाठी
- अपनी पाठ्य पुस्तक से कठस्थ किया हुआ कोई एक श्लोक लिखिए। जो इस प्रश्न पत्र में न आया हो।
28 किन्हीं दो प्रश्नों के संस्कृत में उत्तर दीजिए।
(क) चन्द्रशेखरः स्वनाम् किम् अकथयत्?
(ख) आतुरस्यः मित्र किम् अस्ति।
(ग) वीरः केन पूज्यते?
(घ) सुवर्णस्थ कि मुख्यदुःखम् अस्ति?
- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए।
(क) परिश्रम का महत्व
(ख) पर्यावरण संरक्षण के उपाय
(ग) भ्रष्टाचार कारण व निवारण
(घ) किशोरावस्था की समस्या व निदान
- अपनी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता के कारणों का उल्लेख करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
अथवा
अपने जनपद के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सफाई व्यवस्था में लापरवाही के कारण संक्रामक रोग फैलने की आशंका के संबंध में शिकायती पत्र लिखिए।
Disclaimer
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