Class 12 Samanya Hindi Previous Year Question Paper 2024 Download PDF || Set 1 – 302 (DH) – कक्षा 12 सामान्य हिन्दी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़

यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिन्दी पुराने प्रश्न पत्र 2024 की पीडीऍफ़ – UP Board Class 12 Samanya Hindi Previous Year Question Paper 2024 Download PDF [Set 1 – 302 (DH)]

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Class 12 Topic Previous Year Question Paper 
Board UP Board (UPMSP) Exam Year2025
StateUttar Pradesh यूपी बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट UPMSP.EDU.IN
Exam Session 2024-25 Download PDF Click Here

कक्षा 12 सामान्य हिन्दी प्रश्नपत्र  यूपी बोर्ड परीक्षा  2024

समय 3:15 hr.पूर्णांक 100
प्रक्टिकल नहीं पासिंग मार्क 33.33%

नोट : (i)  प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।

       (ii)  इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।

खण्ड क

1.(क) मेरी असफलताएँकिस विधा की रचना है?

(i) कहानी

(ii) आत्मकथा ✔

(iii) डायरी

(iv) जीवनी

(ख) घुमक्कड़ शास्त्रके लेखक हैं:

(i) राहुल सांकृत्यायन✔

(ii) विद्यानिवास मिश्र

(iii) प्रेमचन्द

(iv) नागार्जुन

(ग) निम्नलिखित में से कौन-सा उपन्यास जैनेंद्र द्वारा लिखित है?

(i) ‘इरावती’

(ii) ‘ऋतुचक्र’

(iii) ‘सुनीता’✔

(iv) ‘निर्मला’

(घ) ब्राह्मणपत्र का सम्पादन किया था:

(i) भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने

(ii) प्रेमघन’ ने

(iii) प्रतापनारायण मिश्र ने   ✔

(iv) बालकृष्ण भट्ट ने

(ङ) चिंतामणिरचना के लेखक हैं:

(i) महावीर प्रसाद द्विवेदी

(ii) रामचंद्र शुक्ल✔

(iii) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(iv) डॉ. नगेन्द्र

2.(क) अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔधकी रचना है:

(i) ‘कामायनी’

(ii) ‘वैदेही-वनवास’✔

(iii) ‘कश्मीर सुषमा’

(iv) ‘प्रेम माधुरी’

(ख) सरोज-स्मृतिकविता के रचनाकार हैं:

(i) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ✔

(ii) जयशंकर प्रसाद

(iii) सुमित्रानन्दन पन्त

(iv) महादेवी वर्मा

(ग) उपमान मैले हो गए हैंकिसकी काव्यपंक्ति है?

(i) त्रिलोचन शास्त्री की

(ii) ‘नागार्जुन’ की

(iii) मुक्तिबोध की

(iv) ‘अज्ञेय’ की✔

(घ) एकांतवासी योगीकिसकी रचना है?

(i) मैथिलीशरण गुप्त

(ii) श्रीधर पाठक✔

(iii) बालमुकुंद गुप्त

(iv) भारतेंदु हरिश्चंद्र

(ङ) हिन्दी काव्य के किस कालखण्ड को स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोहकहा गया है?

(i) ‘प्रगतिवाद’

(ii) ‘छायावाद’✔

(iii) ‘प्रयोगवाद’

(iv) ‘नयी कविता’

  1. दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: साहित्य, कला, नृत्य, गीत, आमोद-प्रमोद अनेक रूपों में राष्ट्रीय जन अपने-अपने मानसिक भावों को प्रकट करते हैं। आत्मा का जो विश्वव्यापी आनंद-भाव है वह इन विविध रूपों में साकार होता है। यद्यपि बाह्य रूप की दृष्टि से संस्कृति के ये बाहरी लक्षण अनेक दिखायी पड़ते हैं, किंतु आंतरिक आनंद की दृष्टि से उनमें एकसूत्रता है। जो व्यक्ति सहृदय है, वह प्रत्येक संस्कृति के आनंद पक्ष को स्वीकार करता है और उससे आनंदित होता है। इस प्रकार की उदार-भावना ही विविध जनों से बने हुए राष्ट्र के लिए स्वास्थ्यकर है।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) राष्ट्रीय जन अपने मानसिक भावों को किन रूपों में प्रकट करते हैं?

(ग) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(घ) आंतरिक आनंद की दृष्टि से किनमें एकसूत्रता है?

(ङ) कौन-सी भावना राष्ट्र के लिए स्वास्थ्यकर है?

अथवा

पुष्पित अशोक को देखकर मेरा मन उदास हो जाता है। इसलिए नहीं कि सुंदर वस्तुओं को हतभाग्य समझने में मुझे कोई विशेष रस मिलता है। कुछ लोगों को मिलता है। वे बहुत दूरदर्शी होते हैं। जो भी सामने पड़ गया, उसके जीवन के अंतिम मुहूर्त तक का हिसाब वे लगा लेते हैं। मेरी दृष्टि उतनी दूर तक नहीं जाती । फिर भी मेरा मन इस फूल को देखकर उदास हो जाता है। असली कारण तो मेरे अंतर्यामी ही जानते होंगे, कुछ थोड़ा-सा मैं भी अनुमान कर सकता हूँ।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(ग) गद्यांश के लेखक ने स्वयं के बारे में क्या कहा है?

(घ) प्रस्तुत गद्यांश का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

(ङ) अंतर्यामीऔर दूरदर्शीशब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. दिए गए पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

विस्तृत नभ का कोई कोना,

मेरा न कभी अपना होना,

परिचय इतना इतिहास यही

उमड़ी कल थी मिट आज चली!

(क) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(ग) कवयित्री अपने जीवन की तुलना किसके साथ करती है?

(घ) उपर्युक्त अंश में कौन-सा रस है?

(ङ) यह पद्यांश किस भावना को प्रकट करता है?

अथवा

सुख भोग खोजने आते सब,

आये तुम करने सत्य खोज,

जग की मिट्टी के पुतले जन,

तुम आत्मा के मन के मनोज!

जड़ता, हिंसा, स्पर्धा में भर

चेतना, अहिंसा, नम्र-ओज,

पशुता का पंकज बना दिया

तुमने मानवता का सरोज!

(क) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।

(ख) साधारण मनुष्य संसार में क्या खोजता है?

(ग) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।

(घ) पशुता का पंकजसे कवि का क्या तात्पर्य है?

(ङ) स्पर्धाऔर नम्र-ओजशब्दों के अर्थ लिखिए।

5.(क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द)

(i) वासुदेवशरण अग्रवाल

(ii) ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

(iii) हरिशंकर परसाई

(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए:

(i) मैथिलीशरण गुप्त

(ii) सुमित्रानंदन पंत

(iii) सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

  1. ध्रुवयात्राअथवा बहादुरकहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। (अधिकतम शब्द-सीमा: 80 शब्द)

अथवा

पंचलाइटकहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। (अधिकतम शब्द-सीमा : 80 शब्द)

7.स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्ड के एक प्रश्न का उत्तर दीजिए : (अधिकतम शब्द-सीमा : 80 शब्द)

(क) त्यागपथीखण्डकाव्य के आधार पर राज्यश्रीका चरित्र-चित्रण कीजिए । अथवा त्यागपथीखण्डकाव्य के पंचम        सर्गकी कथा अपने शब्दों में लिखिए ।

(ख) सत्य की जीतखण्डकाव्य का कथानक अपने शब्दों में लिखिए । अथवा सत्य की जीतखण्डकाव्य के आधार पर        दुर्योधन का चरित्र-चित्रण कीजिए ।

(ग) रश्मिरथीखण्डकाव्य का कथानक लिखिए । अथवा रश्मिरथीके नायक कर्णका चरित्र-चित्रण कीजिए।

(घ) मुक्तियज्ञखण्डकाव्य के आधार पर गाँधीजीका चरित्र-चित्रण कीजिए।

                अथवा

मुक्तियज्ञखण्डकाव्य की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।

(ङ) आलोकवृत्तखण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।

                   अथवा

आलोकवृत्तखण्डकाव्य के कथानक पर प्रकाश डालिए।

(च) श्रवणकुमारखण्डकाव्य के आधार पर दशरथका चरित्र-चित्रण कीजिए।

                अथवा

श्रवणकुमारखण्डकाव्य का कथानक संक्षेप में प्रस्तुत कीजिए ।

खण्ड ख

8.(क) दिये गये संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए:

युवकः मालवीयः स्वकीयेन प्रभावपूर्ण-भाषणेन जनानां मनांसि अमोहयत् । अतः अस्य सुहृदः तं प्रा‌ड्विवाकपदवीं प्राप्य देशस्य श्रेष्ठतरां सेवां कर्तुं प्रेरितवन्तः । तदनुसारम् अयं विधिपरीक्षामुत्रीर्य प्रयागस्थे उच्चन्यायालये प्राड्विवाककर्म कर्तुमारभत् । विधेः प्रकृष्टज्ञानेन मधुरालापेन उदारव्यवहारेण चायं शीघ्रमेव मित्राणां न्यायाधीशाञ्च म्मानभाजनमभवत्।

अथवा

संस्कृतसाहित्यस्य आदिकविः वाल्मीकिः, महर्षिव्यासः, कविकुलगुरुः कालिदासः अन्ये च भास-भारवि-भवभूत्यादयो महाकवयः स्वकीयैः ग्रन्थरत्नै अद्यापि पाठकानां हृदि विराजन्ते । इयं भाषा अस्माभिः मातृसमं सम्माननीया वन्दनीया च, यतो भारतमातुः स्वातन्त्र्यं, गौरवम्, अखण्डत्वं सांस्कृतिकमेकत्वञ्च संस्कृते नैव सुरक्षितुं शक्यन्ते । इयं संस्कृतभाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति । ततः सुष्ठुक्तम् ‘भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाण भारती’ इति

(ख) दिये गये पद्यांशों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए किए। किए

न मे रोचते भद्रं वः उलूकस्याभिषेचनम् ।

अक्रुद्धस्य मुखं पश्य कथं क्रुद्धो भविष्यति ।।

                             अथवा

जल-बिन्दु-निपातेन क्रमशः पूर्यते घटः ।

स हेतुः सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च ।।

  1. निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:

(क) अन्न-जल पूरा हो जाना

(ख) अपना ही राग अलापना

(ग) दाल में काला होना

(घ) सूरज को दीपक दिखाना

  1. अपठित गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

जिस प्रकार सुखी होने का प्रत्येक प्राणी को अधिकार है, उसी प्रकार मुक्तातंक होने का भी । पर कार्यक्षेत्र के चक्रव्यूह में पड़कर जिस प्रकार सुखी होना प्रयत्न-साध्य होता है उसी प्रकार निर्भय होना भी । निर्भयता के संपादन के लिए दो बातें अपेक्षित होती हैं पहली तो यह कि दूसरों को हमसे किसी प्रकार का भय या कष्ट न हो; दूसरी यह कि दूसरे हमको कष्ट या भय पहुँचाने का साहस न कर सकें । इनमें से एक का संबंध उत्कृष्ट शील से है और दूसरी का शक्ति और पुरुषार्थ से। इस संसार में किसी को न डराने से ही डरने की सम्भावना दूर नहीं हो सकती। साधु से साधु प्रकृतिवाले को क्रूर लोभियों और दुर्जनों से क्लेश पहुँचता है। अतः उनके प्रयत्नों को विफल करने या भय-संचार द्वारा रोकने की आवश्यकता से हम बच नहीं सकते ।

(क) सुखी होने के साथ और क्या होना प्रयत्न साध्य होता है?

(ख) निर्भयता के सम्पादन के लिए क्या करना अपेक्षित है?

(ग) शील, शक्ति और पुरुषार्थ-जैसी वृत्तियों का सम्बन्ध किनसे है?

अथवा

कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं, जो अनेक छोटे-छोटे कर्मों की समष्टि जैसे होते हैं। उदाहरणार्थ, यदि हम समुद्र के किनारे खड़े हों और लहरों को किनारे से टकराते हुए सुनें, तो ऐसा मालूम होता है कि एक बड़ी भारी आवाज़ हो रही है। परन्तु हम        जानते हैं कि एक बड़ी लहर असंख्य छोटी-छोटी लहरों से बनी है। और यद्यपि प्रत्येक छोटी लहर अपना शब्द करती है, परंतु फिर भी वह हमें सुनाई नहीं पड़ती । पर ज्यों ही ये सब शब्द आपस में मिलकर एक हो जाते हैं, त्यों ही हमें बड़ी         आवाज़ सुनाई देती है। इसी प्रकार हृदय की प्रत्येक धड़कन कार्य है। कई कार्य ऐसे होते हैं, जिनका हम अनुभव करते हैं, वे हमें इन्द्रियग्राह्य हो जाते हैं, पर वे अनेक छोटे-छोटे कार्यों की समष्टि होते हैं।

(क) हृदय की प्रत्येक धड़कन को क्या कहा गया है?

(ख) छोटे-छोटे कर्मों की समष्टि से क्या तात्पर्य है?

(ग) इन्द्रियग्राह्यऔर समष्टिशब्दों के अर्थ स्पष्ट कीजिए।

(क) निम्नलिखित शब्द-युग्मों का सही अर्थ चयन करके लिखिए:

(i) अनिष्ट-अनिष्ठ

(अ) बुरा और निष्ठा रहित✔

(ब) दूरस्थ और अविचल

(स) अनन्त और अन्तिम

(द) अतिरिक्त और कठोर

(ii) मात्र-मातृ

(अ) मंत्र और मान्य

(ब) केवल और माता✔

(स) मलिन और मृदु

(द) मैत्री और मुग्ध

(ख) निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए:

(i) तात

(ii) सुरभि

(iii) शिखा

(iv) मधु

(ग) निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द का चयन करके लिखिए:

(i) जो कम बोलता हो

(अ) असंवादी

(ब) मितभाषी✔

(स) बातूनी

(द) विवादी

(ii) जो बूढ़ा न हो

(अ) अमर

(ब) अजर✔

(स) अनन्त

(द) अनश्वर

(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए:

(i) मैं अनेकों बार दिल्ली जा चुका हूँ।

(ii) सीता ने पुस्तक लिखा ।

(iii) गमला मेज में रखा है।

(iv) मैं महेश को पढ़ाया हूँ।

12.(क) करुण रसअथवा शान्त रसका स्थायी भाव के साथ उदाहरण अथवा परिभाषा लिखिए।

(ख) अनुप्रासअथवा उत्प्रेक्षाअलङ्कार का लक्षण एवं उदाहरण लिखिए।

(ग) चौपाईअथवा दोहाछन्द का लक्षण तथा उदाहरण लिखिए।

  1. बैंक-प्रबन्धक को शिक्षा ऋण के आवेदन के सम्बन्ध में पत्र लिखिए।

अथवा

किसी पर्यटन स्थल की यात्रा का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।

  1. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर अपनी भाषा-शैली में निबन्ध लिखिए।

(क) पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व

(ख) विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व

(ग) वर्तमान समय में नारी-शिक्षा

(घ) साहित्य और समाज का सम्बन्ध

(ङ) राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020

How To Download UP Board Exam Latest Model Paper 2025

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