UP Board Exam 2023 Sanskrit Model Paper Class 12 UPMSP- यूपी बोर्ड के पैटर्न पर आधारित संस्कृत का मॉडल पेपर हुआ जारी
Sanskrit model paper- inter sanskrat model question paper upmsp pattern based 2022-23 sample paper 2023.
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यूपी बोर्ड मॉडल प्रश्नपत्र विषय – संस्कृत
कक्षा 12 [केवल प्रश्नपत्र]
समय : 3 घण्टे 15 मिनट पूर्णांक : 100
निर्देश – प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
1. निम्नलिखित गद्यखण्ड पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
अथ महाश्वेता कादम्बरीम् अनामयं पप्रच्छ । सा तु सखीप्रेम्णा गृहनिवासेन कृतापराधेव लज्जमाना कृच्छादिव कुशलम् आचचक्षे । मुहूर्तापगमे च महाश्वेता ताम्बूलदानोद्यतां ताम् अभाषत – “सखि कादम्बरि, सर्वाभिरस्माभिः अयम् अभिनवागतः चन्द्रापीडः आराधनीयः तदस्मै तावत् दीयताम्” इति। इत्युक्त्वा सा शनैः अव्यक्तमिव “सखि, लज्जेऽहम् अनुपजातपरिचया प्रागल्भ्येनानेन । गृहाण त्वमेव अस्मै प्रयच्छ” इत्युवाच। पुनः पुनः अभिधीयमाना च तया ग्राम्येव चिरात् दानाभिमुखं मनश्चक्रे। महाश्वेतामुखात् अनाकृष्टदृष्टिरेव वेपमानाङ्गयष्टिः प्रसारयामास च ताम्बूल गर्भं हस्तपल्लवम् । चन्द्रापीडस्तु स्वभावपाटलं धनुर्गुणाकर्षण- कृतकिणश्यामलं पाणि प्रसार्य ताम्बूलं प्रतिजग्राह । अथ सा गृहीत्वा अपरं ताम्बूलं महाश्वेतायै प्रायच्छत् ।
(क) महाश्वेता किं पप्रच्छ ?
(ख) अत्र कः आराधनीयः ?
(ग) महाश्वेता कादम्बरी किम् अकथयत् ?
(घ) का कथिता?
(ङ) ‘लज्जमाना’ में कौन-सा प्रत्यय है ?
अथवा
सा तस्मिन्नेव मरकतग्रावणि मुहूर्तम् उपविश्य, स्वयम् उत्थाय, चन्द्रापीडं चन्दनेन अनुलिप्य, द्वे दुकूले परिधाप्य, तैश्च मालतीकुसुमदामभिः आरचितशेखरं कृत्वा, तं हारम् आदाय उवाच – ” कुमार ! शेषनामा हारोऽयं भगवता अम्भसा पत्या गृहम् उपगताय प्रचेतसे दत्तः । पाशभृतापि गन्धर्वराजाय, गन्धर्वराजेनापि कादम्बर्यै, तयापि त्वद्वपुः अस्य अनुरूपमिति विभावयन्त्या अनुप्रेषितः । अतः अर्हति इयम् बहुमानं त्वत्तः महाश्वेतयापि कुमारस्य संदिष्टम् न खलु महाभागेन मनसापि कार्य: कादम्बर्याः प्रथमप्रणयभङ्गः” इति उक्त्वा तं तस्य वक्षःस्थले बबन्ध | चन्द्रापीडस्तु, विस्मयमानः प्रत्यवादीत् “मदलेखे, निपुणासि। जानासि ग्राहयितुम्। उत्तरावकाशम् अपहरन्त्या कृतं वचसि कौशलम्’ इत्युक्त्वा कादम्बरीसंबद्धाभिरेव कथाभिः सुचिरं स्थित्वा विसर्जयां बभूव मदलेखाम्।
(क) शेषनामा कः अस्ति?
(ख) भगवता अम्भसा शेषनामा हारः कस्मै दत्तः ?
(ग) हारः केन कादम्बर्ये दत्तः ?
(घ) अस्य गद्यांशस्य प्रणेता क: ?
(ङ) रेखांकित अंश का हिन्दी – अनुवाद कीजिए ।
2. अपनी पाठ्यपुस्तक के आधार पर किसी एक पात्र का हिन्दी में चरित्र-चित्रण कीजिए-
(क) पत्रलेखा
(ख) तारापीड
(ग) वैशम्पायन (शुक) ।
3. बाणभट्ट का संक्षिप्त जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
4. निम्नलिखित प्रश्नों का सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(i) महाश्वेता कस्मिन् अनुरक्ता आसीत्?
(क) पुण्डरीके
(ख) चन्द्रापीडे
(ग) वैशम्पायने
(घ) शूद्रके ।
(ii) ताम्बूलकरङ्कवाहिनी आसीत्-
(क) तरलिका
(ख) मदलेखा
(ग) मदिरा
(घ) पत्रलेखा ।
5. अधोलिखित में से किसी एक श्लोक की हिन्दी में सन्दर्भसहित व्याख्या कीजिए-
(क) स त्वं मदीयेन शरीरवृत्तिं देहेन निर्वर्तयितुं प्रसीद ।
दिनावसानोत्सुकबालवत्सा. विसृज्यतां धेनुरियं महर्षेः।।
(ख) भक्त्या गुरौ मय्यनुकम्पया च प्रीतास्मि ते पुत्र ! वरं वृणीष्व ।
न केवलानां पयसां प्रसूतिमवेहि मां कामदुघां प्रसन्नाम्।।
6. निम्नलिखित में से किसी एक श्लोक की सन्दर्भसहित संस्कृत में व्याख्या कीजिए—
(क) इति प्रगल्भं पुरुषाधिराजो मृगाधिराजस्य वचो निशम्य ।
प्रत्याहतोस्त्रो गिरिशिप्रभावादात्मन्यवज्ञां शिथिलीचकार ॥
(ख) एतावदुक्त्वा विरते मृगेन्द्रे प्रतिस्वनेनास्य गुहागतेन ।
शिलोच्चयोऽपि क्षितिपालमुच्चैः प्रीत्या तमेवार्थमभाषतेव ॥
7. महाकवि कालिदास की काव्यशैली का संक्षेप में वर्णन कीजिए। (अधिकतम 100 शब्द)
8. निम्नलिखित दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(i) पयस्विनी अस्ति-
(क) नन्दिनी
(ख) सुदक्षिणा
(ग) अरुन्धती
(घ) सन्ध्या ।
(ii) द्वाविंशे दिवसे नन्दिनी कुत्र प्रविष्टा-
(अ) गृहे
(ब) गुहायाम्
(स) प्रासादे
(द) गोशालायाम्
9. अधोलिखित खण्डों में से किसी एक अंश की हिन्दी में सन्दर्भसहित व्याख्या कीजिए-
(क) सङ्कल्पितं प्रथममेव मया तवार्थे
भर्तारमात्मसदृशं सुकृतैर्गता त्वम्।
चूतन संश्रितवती नवमालिकेय-
मस्यामहं त्वयि च सम्प्रति वीतचिन्तः ।
(ख) शुश्रूषस्व गुरून् कुरु प्रियसखीवृत्तिं सपत्नीजने
भर्तुर्विप्रकृतापि रोषणतया मा स्म प्रतीपं गमः ।
भूयिष्ठं भव दक्षिणा परिजने भोगेष्वनुत्सेकिनी
यान्त्येवं गृहिणीपदं युवतयो वामाः कुलस्याधयः ।।
10. निम्नलिखित में से किसी एक सूक्ति की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए-
(क) गुर्वपि विरहदुःखमाशाबन्धः साहयति ।
(ख) अर्थो हि कन्या परकीय एव ।
(ग) वनौकसौऽपि सन्तो लौकिकज्ञा वयम्।
11. ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ नाटक के चतुर्थ अङ्क के नाट्यसौन्दर्य का हिन्दी या संस्कृत में वर्णन कीजिए (अधिकतम 100 शब्द)
12. दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी रचना कालिदास की नहीं है—
(क) रघुवंशम् महाकाव्यम्
(ख) उत्तररामचरितम्
(ग) अभिज्ञानशाकुन्तलम्
(घ) मेघदूतम् ।
(ii) शकुन्तलया सह हस्तिनापुरं का गता-
(क) अनसूया
(ख) प्रियंवदा
(ग) गौतमी
(घ) मेनका ।
13. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 10 वाक्यों में संस्कृत में निबन्ध लिखिए-
(क) अहिंसा परमो धर्मः ।
(ख) पर्यावरण प्रदूषणम्।
(ग) विद्यालयस्य वार्षिकोत्सवः ।
(घ) उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।
14. ‘रूपक’ अथवा ‘उपमा’ अलंकार का संस्कृत में उदाहरण लिखिए।
15. अधोलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए-
(i) बालिका चावल से खीर पकाती है।
(ii) विद्यालय के चारों ओर वृक्ष हैं।
(iii) छात्र पैर से लँगड़ा है।
(iv) बलि से पृथ्वी माँगता है।
(v) श्री गणेश जी को नमस्कार है।
(vi) वह मुक्ति के लिए हरि को भजता है ।
(vii) कवियों में कालिदास श्रेष्ठ हैं।
16. (क) अधोलिखित रेखांकित पदों में से किसी एक में प्रयुक्त विभक्ति का नियम उल्लेख कीजिए—
(i) नमो भगवते वासुदेवाय ।
(ii) कृष्णः कारागारे जन्म अलभत् ।
(iii) मिष्टान्नं सर्वेभ्यः रोचते ।
(ख) शिशुः भुवि तिष्ठति’ वाक्य के ‘भुवि’ पद में विभक्ति और वचन है-
(अ) द्वितीया, एकवचन
(ब) तृतीया, द्विवचन
(स) सप्तमी, एकवचन
(द) पञ्चमी, बहुवचन ।’
17. ( क ) निम्नलिखित पदों में से किसी एक पद में समास – विग्रह कीजिए—
(i) पितरौ
(ii) अनुरूपम्
(iii) नवरात्रम् ।
(ख) ‘यथाशक्ति:’ में प्रयुक्त समास का नाम है-
(क) द्वन्द्वः
(ख) द्विगु:
(ग) अव्ययीभावः
(घ) कर्मधारयः ।
18. (क) ‘सज्जनः’ में सन्धि- विधायक सूत्र लिखिए।
(ख) ‘हरिश्शेते’ में किस सूत्र से सन्धि की गई है—
(क) आद्गुणः
(ख) वृद्धिरेचि
(ग) स्तो: शचुना श्चुः
(घ) अकः सवर्णे दीर्घः ।
19. (क) ‘गृहेषु’ किस विभक्ति व वचन का रूप है?
(ख) ‘मनोभिः’ ‘मनस्’ प्रातिपदिक के किस विभक्ति एवं वचन का रूप है—
(क) चतुर्थी, बहुवचन
(ख) तृतीया, बहुवचन
(ग) षष्ठी, बहुवचन
(घ) सप्तमी, एकवचन ।
20. (क) ‘वर्धन्ताम्’ क्रियापद का पुरुष एवं वचन लिखिए ।
(ख) ‘सेव्’ धातु आत्मनेपदी का लोट्लकार, मध्यम पुरुष, एकवचन का रूप होता है—
(क) सेवते
(ख) सेविष्यते
(ग) सेवस्व
(घ) सेवेथाः ।
21. (क) ‘नी’ धातु में ल्युट् प्रत्यय लगाने पर रूप होता है-
(क) नयनम्
(ख) नयन्
(ग) नयमानः
(घ) इनमें से कोई नहीं।
(ख) ‘कृ’ धातु में अनीयर् प्रत्यय लगाने पर शब्द बनेगा-
(i) कृत्वा
(ii) करणीयम्
(iii) करणम्
(iv) कर्तुम् ।
22. अधोलिखित वाक्यों में से किसी एक का वाच्य परिवर्तन कीजिए—
(i) तया पठ्यते ।
(ii) अहं प्रश्नपत्रं लिखामि ।
(iii) भक्तेन देवः पूज्यते ।